बहर : २१२ २१२ २१२ २१२
बरगदों से जियादा घना कौन है
किंतु इनके तले उग सका कौन है
मीन का तड़फड़ाना सभी देखते
झील का काँपना देखता कौन है
घर के बदले मिले खूबसूरत मकाँ
छोड़ता फिर जहाँ में भला कौन है
लाख हारा हूँ तब दिल की बेगम मिली
आओ देखूँ के अब हारता कौन है
प्रश्न इतना हसीं हो अगर सामने
तो फिर उत्तर में नो कर सका कौन है
Comment
सहज, सरल, संस्कारित और सुगठित गज़ल के लिए विशेष बधाई स्वीकारें
तो फिर उत्तर में नो कर सका कौन है... भाई हासिले ग़ज़ल है ,,,, इस के लिए विशेष बधाई
भाई मेरी समझ का फेर है कि आख़िरी शेर का कोई अर्थ नहीं निकाल सका
अगर भाव बता दें तो मैं भी लुत्फ़ उठा सकूं
आदरणीय धर्मेंद्र जी, गज़ल में गहरी गहरी बात कह गये-
मीन का तड़फड़ाना सभी देखते
झील का काँपना देखता कौन है
वाह, क्या बात है.
आदरणीय धर्मेन्द्र कुमार जी इस उम्दा गजल के उम्दा शेरों पर वाह वाह है
गजल की गहराई नापना कठिन है हर शेर के प्रश्न शेर की जान है
ह्रदय से बधाई
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