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मेरे दिल से पूछो ये चाहता क्या हैं ,

मेरे दिल से पूछो ये चाहता क्या हैं ,
चाह थी मंजिल तो मुश्किल से मिला ,
पैसे जुटाया लुट गया तो फायदा क्या हैं ,
अपने ही साथ नहीं दिए तो वो रिश्ता कैसे ,
महसूस किया मैंने ये जीवन जिसमे ,
राहों में ओ छोर चले तो जीना क्या हैं ,
खुशिया दूर से निकल गई समझ ना सका ,
वो आखे चुराने लगे समझा मजरा क्या हैं ,
मेरे दिल से पूछो ये चाहता क्या हैं ,
उनकी ख़ुशी खुश रहने के लिए कम न था ,
हा ओ किसी और के हो गए इसका गम हैं ,
लोगो को नजर आता हैं हंसता चेहरा ,
जरा पास आकर देखो ये आखे नम हैं ,
औरो की ख़ुशी में कब तक तलासु खुशियाँ ,
मेरी भी कुछ तमन्ना है मेरे दोस्तों ,
मेरे दिल से पूछो ये चाहता क्या हैं ,

Views: 266

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Comment by Rash Bihari Ravi on October 7, 2010 at 4:30pm
bahut bahut dhanyabad chaturvedi ji awam ashish ji
Comment by आशीष यादव on October 6, 2010 at 6:39am
लोगो को नजर आता हैं हंसता चेहरा ,
जरा पास आकर देखो ये आखे नम हैं ,
औरो की ख़ुशी में कब तक तलासु खुशियाँ ,
मेरी भी कुछ तमन्ना है मेरे दोस्तों ,
मेरे दिल से पूछो ये चाहता क्या हैं ,
khubsurat guru ji.

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