रामदेव से मिल गये अन्ना बाबाजी
राहुल की माँ रह गई भन्ना बाबाजी
काला धन यदि सचमुच वापिस आया तो
भारत फिर से बनेगा धन्ना बाबाजी
अब मैं झटपट देश का पी. एम. बन जाऊं
मोदी के मन जगी तमन्ना बाबाजी
ख़ून न चूसें, कह दो खादी वालों से
प्यासे हैं तो चूस लें गन्ना बाबाजी
पाकिस्तान तो अपने घर का पप्पू है
चीन से रहना हमें चौकन्ना बाबाजी
हीरो ये, जो तेल न बेचें टी वी पर
दिलीप कुमार औ राजेश खन्ना बाबाजी
थाली तो सोने की तुमने दिखलादी
खाते क्या हो हीरा-पन्ना बाबाजी ?
राजपूताने का इतिहास समझ लोगे
पढ़ लो 'पन्ना' वाला पन्ना बाबाजी
जब से वोट दिया 'अलबेला' चम्पत है
किते गयां ओय मेरेया चन्ना बाबाजी
Comment
धन्यवाद ..बहुत बहुत धन्यवाद सम्मान्य नीलांश जी........
धन्यवाद भाई कुमार गौरव अजीतेंदुजी
------शुक्रिया आपकी सराहना के लिए
aadarniya albela ji har ik sher bahut sunder hai
aapki saarthak rachna ke liye bahut badhai
आपकी स्नेहसिक्त सराहना के सौरभ से मेरे आसपास का पूरा परिवेश सुरभित हो उठा है प्रभु !
__बहुत बहुत धन्यवाद सौरभ पाण्डेय जी............
आदरणीय अलबेलाजी, आपके ’बाबाजी’ ने तो कमाल कर रखा है ! प्रस्तुत हास्य ग़ज़ल के प्रति इतना ही कहूँगा कि बहुत कुछ को स्वयं में समेटे इन अश’आर के मिसरे हर लिहाज से प्रभावी हैं. आपने देश के वर्तमान की विसंगतियों को जिस सुन्दरता से शब्द-शब्द पिरोया है और मनभावन लहजे में पेश किया है कि मनस संतृप्त और चकित है. आपकी यह शैली ओबिओ पर नई हवा की मोहक लहर का बन कर पाठक-मन को आनन्द-भाव के साथ बहाये जा रही है.
सादर.
sa samman swagat hai apka albela ji
धन्यवाद योगेश शिवहरे जी....
आभार
bahut sundar albela ji
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