पिता जी,
संघर्ष अभी जीवित है
वो मरा नहीं
अब भी आपके सपने
उसकी आँखों में ही है
वो आँसुयों में बहे नहीं
यद्यपि
वह टूटा नजर आ रहा
परंतु , पिता जी
अभी संघर्ष जीवित है
वो मरा नहीं
अभी भी उसमे अरमान है
अनंत आकाश में उड़ने की ख्वाहिश है
जो आप ने उसे दिखाये थे
यद्यपि
वह थक कर रुक गया है
परंतु पिता जी संघर्ष अभी मरा नहीं है
संघर्ष अभी उठेगा
संघर्ष अभी दौड़ेगा
आप के अरमान पूरे होंगे
आप की तमन्नाये पूरी होगी
यद्यपि संघर्ष अभी थक गया है
परंतु संघर्ष अभी मरा नहीं
संघर्ष अभी मरा नहीं ...
अरुणेन्द्र मिश्र “संघर्ष ”
Comment
अरुणेंद्रजी, वयस विशेष की छटपटाहट को बाँध सकने में प्रस्तुत रचना कामयाब है.
लेकिन एक बात, बस उत्सुकतावश. आखिर ’संघर्ष’ थक ही क्यों गया है ? आखिर उसने किया ही क्या है अबतक ?
सही कहूँ तो मैं भी अपने ’संघर्ष’ से तब पूछ नहीं पाता था और उसके प्रति कोमल संवेदनाएँ रहा करती थीं. आज इसलिये पूछ पाता हूँ कि मेरा संघर्ष अब उस तरह की थकान को थकान नहीं मानता. जानता है, कि जीवन के आने वाले समय में थकान का विस्फोट झेलना है. फिर भी चलना है.
इस ज़िन्दा रचना हेतु हार्दिक बधाई.
अरुणेन्द्र जी, नमस्कार,
aadarniy mishra ji, sangharsh na ho to jine ka maja hi kya. badhai, thakna nahi.
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online