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ये भारत देश हमार है

शस्य  श्यामला  धरती  अपनी   

भाल    हिमालय  मुकुट  श्रंगार  है 

झर  झर  झरते  झरने  मही  पर

कल  कल  बहती  नदियों  की  बहार  है 

ये   भारत  देश  हमार   है 

 

कई  सम्प्रदायों  से  बसी   ये  धरती

 पर  करते  आपस  में   प्यार  है 

भाषा  बदले  भूषा  बदले  

आपस  में  न  कोई  तकरार  है 

ये  भारत  देश  हमार  है 

मानव  धर्म  सबसे  हसीं 

इंसानियत  का   व्यवहार  है 

होली  हो  या  ईद  दीवाली  

पर्व  दशहरा  सबका  ये  त्यौहार  है 

ये  भारत  देश  हमार  है 

 

 

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Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 30, 2012 at 9:38am

aadarniya seema gi, sadar abhivadan. 

hamara desh hi kuch aesa hai. aaoka sneh prapt hua abhar.

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 22, 2012 at 5:46pm

snehi mahima ji. main sampurn bharat dekhta hoon. log rajyon ki baat karte hain. vande matram.

Comment by MAHIMA SHREE on March 22, 2012 at 11:03am
झर झर झरते झरने मही पर
कल कल बहती नदियों की बहार है
आदरणीय सर
सादर प्रणाम
बहुत सुंदर ....आप का एक बाद एक रचनावो की बोछार ....आ रही है....हम सबको प्यारी मातृभूमि के बोछार में भिगोने के लिए सादर धन्यवाद्.. और
.... बहुत-२ मेरी हार्दिक बधाई.... वन्देमातरम...
ये भारत देश हमार है .....
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 21, 2012 at 10:45pm

snehi anand ji, shubhashish. vande matram.

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 21, 2012 at 10:23pm

aadarniya saurabh mahoday ji. aapke hastakshar prapt hue. safal hua. samarthan ke liye abhar. 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 21, 2012 at 10:20pm

aadarniya mahodaya , saadar abhivadan, lalkar lalkaar kise lalkar . janta ka haal to dekh liya. aapke sath ham hamesha hain taiyar. aapka abhar. 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 21, 2012 at 10:16pm

snehi minu ji. shubhashish. sarahna ke liye dhanyvaad.

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 21, 2012 at 10:15pm

aadarniya ashvani. ji. vande matram. dhanyvad.

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 21, 2012 at 9:52pm

snehi santosh ji, sadar.  vande matram. 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 21, 2012 at 9:51pm

snehi vahid, ji, aapne saraha. safal hua. dhanyvad.

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