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जय - जय बिहार की भूमि, तुम्हें शत नमन हमारा.
तेरी महिमा अतुलनीय , यश तेरा निर्मल - न्यारा.
तुम्हें शत नमन हमारा - तुम्हें शत नमन हमारा.
फली - फुली सभ्यता - मानवता , तेरी ही गोदी में.
बिखरी है चहुँओर सम्पदा , इस पावन माटी में.
जली यहीं से ज्योति ज्ञान की, चमका विश्व ये सारा.
तुम्हें शत नमन हमारा - तुम्हें शत नमन हमारा.
राजनीति या धर्मनीति हो, शास्त्रनीति या शस्त्रनीति हो.
उद्गम - स्थल यहीं है सबका, रीति - रिवाज़ या संस्कृति हो.
ज्ञान - विज्ञान , साहित्य - कला की, यहीं से फूटी धारा.
तुम्हें शत नमन हमारा - तुम्हें शत नमन हमारा.
महावीर और गुरु गोविन्द की, जन्मभूमि यह धरती.
गौतम - गांधी - बाल्मीकि की, कर्मभूमि यह धरती.
गणतंत्र को सबसे पहले, इस धरती ने उतारा.
तुम्हें शत नमन हमारा - तुम्हें शत नमन हमारा.
                    गीतकार - सतीश मापतपुरी 

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Comment by Abhinav Arun on December 17, 2011 at 8:38pm

बिहार वास्तव में गौरव भूमि रही है | यहाँ अनेक विभूतियाँ हुई जिन्होनें विश्व को ज्योतिर्मय राह दिखाई | आपकी कविता बिहार का गौरव गान है इसमें हम सबका स्वर शामिल है हार्दिक बधाई जय बिहार !!

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