For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लुट सको तो लुट लो ,

वाह रे हिंद के लोकतंत्र ,
सब कुछ दिखा दिया ,
तेरे प्रतिनिधियों में भी ,
अब दिखने लगी एकता ,
हम सब समझते हैं,
कारण ?
लुट सको तो लुट लो ,
सदन में जो एक दुसरे को ,
बोलने नहीं देते ,
बच्चो सा लड़ते ,
मूर्खो सा हरकत करते ,
आज है हाथ मिलाते,
कारण ?
लुट सको तो लुट लो ,
वेतन की बात अच्छी हैं ,
सचिव से ज्यादा चाहिए ,
हम इसकी पहल करेंगे ,
मगर इमानदार बन के दिखाइए ,
आते फकीर, बन जाते अमीर,
कारण ?
लुट सको तो लुट लो ,
१५००० की वेतन ,
आपको ५ साल में ,
अरब पति बनाते हैं ,
ये पैसा कहाँ से आते हैं ,
आप समझायेंगे हमे,
कारण ?,
लुट सको तो लुट लो ,
आप ८० हजार नहीं २ करोड़ लो ,
साथ में इक वादा भी करो,
हम ईमानदारी से ,
हिंद के सेवा में लगे रहेंगे ,
तो हम क्यों पूछेंगे,
कारण ?
और क्यों कहेंगे ,
लुट सको तो लुट लो ,

Views: 345

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by pankaj jha on August 28, 2010 at 2:56pm
wah bhai wah, kya rachana hai guru ji, chha gaye.
Comment by Neelam Upadhyaya on August 27, 2010 at 3:34pm
Bahut hi satik rachna. Ravi ji ko isake liye badhayee.
Comment by आशीष यादव on August 25, 2010 at 6:21am
Kya abhi ye km kmate hai jo wetan badhane ki mang kr rhe hai. Kitna lutenge ye? Bahut achchha.
Comment by Shakur Khan on August 23, 2010 at 6:14pm
aap ki lekhani ki koi jabab nahi

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on August 22, 2010 at 9:53am
वाह गुरु जी एकदम ठोंक के लिखा है| admin जी से कहना पड़ेगा की इसकी एक कॉपी संसद में भी भिजवा दें|

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on August 20, 2010 at 10:23am
वाह गुरु जी वाह, आप अच्छा नब्ज पकडते है, आज के समय मे MP , MLA fund का विल्कुल दरुपयोग हो रहा है, उसपर रोक लगना चाहिये,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुंदर गीत रचा है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। सुंदर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।भाई अशोक जी की बात से सहमत हूँ। सादर "
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"दोहो *** मित्र ढूँढता कौन  है, मौसम  के अनुरूप हर मौसम में चाहिए, इस जीवन को धूप।। *…"
5 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, सुंदर दोहे हैं किन्तु प्रदत्त विषय अनुकूल नहीं है. सादर "
14 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, सुन्दर गीत रचा है आपने. प्रदत्त विषय पर. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
14 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, मौसम के सुखद बदलाव के असर को भिन्न-भिन्न कोण…"
14 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . धर्म
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
17 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"दोहा सप्तक. . . . . मित्र जग में सच्चे मित्र की, नहीं रही पहचान ।कदम -कदम विश्वास का ,होता है…"
20 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे अपनी रचना पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर,…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"गीत••••• आया मौसम दोस्ती का ! वसंत ने आह्वान किया तो प्रकृति ने श्रृंगार…"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आया मौसम दोस्ती का होती है ज्यों दिवाली पर  श्री राम जी के आने की खुशी में  घरों की…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service