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हमारे पंथ मजहब धर्म में हो भिन्नता लेकिन

जहाँ हो बात भारत की तो फिर मत एकता होगी।

रहेगा कोई न हिन्दू न मुस्लिम सिक्ख ईसाई

जहाँ हो बात भारत की तो बस राष्ट्रीयता होगी।१।

हैं झण्डे सबके अपने आप में बहुमूल्य अरु शोभित

मगर एक राष्ट्र के ध्वज में समन्वित शक्ति निर्बाधित।

न कोई हैं यहाँ छोटा बड़ा ना कोई भारत में 

सभी मिलजुल के रहते हैं जगत में कीर्ति है भाषित।२।

है भारत देश ये प्यारा है इसकी बात ही न्यारी

यहाँ की सभ्यता पावन है इसकी संस्कृति प्यारी।

किया दुनियाँ ने भारत को नमन चिरकाल से ही है 

यहाँ की है यही शिक्षा धरा ये है कुटुम सारी।३।

हुये ऋषिगण यहाँ पर ही अनेकों शास्त्र के धर्ता

पतंजलि मुनि ही तो हैं योग अरु नवभाष्य के कर्ता।

हैं भारत भूमि के आचार्य चाणक अर्थ शास्त्री भी

है नीति आज भी उनकी प्रथित थे नन्दकुल हर्ता।४।

यहाँ गुरु की कृपा से शिष्य नवजीवन को पाते हैं 

यहाँ सन्मार्ग पर चलना सदा गुरुजन सिखाते हैं।

यहाँ गुरु ही विवेकानंद अरबिंदो को हैं गढ़ते 

यहाँ ले जन्म मानव का सदा देवादि आते हैं।५।

मनाया जा रहा है पर्व अमृत मान भारत का

लहरता है तिरंगा आसमां में शान भारत का।

इसी का मान रखने को हुए लाखों हैं न्योछावर

दिलाता याद है ये दिन अमर अभियान भारत का।६।

दिया प्राणों की आहुति है भगत सिंह चन्द्रशेखर ने

बहाये इस धरा पर हैं लहू कोटिक शहीदों ने।

किया खुद को ही न्यौछावर वतन पर मिट गए सारे 

न आनें आँच दी भारत पे भारत के सपूतों ने।७। 

अप्रकाशित एवं मौलिक

       अवनीश 

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