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Shree suneel's Blog – September 2015 Archive (2)

बीते लम्हें... /श्री सुनील

कभी-कभी मैं भी न! वक़्त की इस हरकत पर

टूटा-सा महसूस किया करता हूँ भीतर.

मेरे बीते हुए दौर का वही एक पल

छू देता है मुझे और मैं जाता हूँ ढल.



गया वक़्त लौटता नहीं ये कहा किसी ने

मानूँ मैं क्यों भला सताया जबकि इसी ने.

माज़ी के दख़्ल से ज़िन्दगी ये मेरी,अब

मौजूदा वक़्त भी भला जी पाती है कब.



समय छोङ कर गया, कि जिद्दी थे कुछ लम्हें

गये नहीं, ये बात यकींनन पता है तुम्हें.

क्या ये मुमकिन नहीं, लौट आओ तुम भी

वापस मेरे पास, अचानक हीं… Continue

Added by shree suneel on September 14, 2015 at 2:40am — 2 Comments

चलो! दुआ ये अभी बैठकर /श्री सुनील

1212 1122 1212 22/112



चलो! दुआ ये अभी बैठकर ख़ुदा से करें

कुछेक मुश्किलों के हल तो अब दुआ से करें.



वो अम्नो चैन यहाँ यूँ बह़ाल हों शायद

ख़िरद से काम लें गर बात क़ाइदा से करें.



अ़जीब नस्ल के इस दर्द पे कहा ये तबीब

अब ऐसे दर्द का दरमां भी किस दवा से करें.



ख़ुदा है सबपे, अगर सच यही है तो ऐ दिल!

चराग़ तू तो जला, बात क्या हवा से करें.



वो ख़ुशनिहाद है, ख़ुशदिल है, ख़ुशज़बाँ है तो

अब ऐसे शख्स का पैमाई किस उला से…

Continue

Added by shree suneel on September 5, 2015 at 1:00am — 6 Comments

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