सोचते ही रहे खेत जोता नहीं
प्यार के फूल क्यों कोई बोता नहीं
लुट गई देख अबला कि अस्मत यहाँ
शर्म से कोई आँखे भिगोता नहीं
तोड़ कर कोई जाता न दिल प्यार में
साथ अपनो का अब कोई खोता नहीं
सोच हैरान क्यों रोज इज्जत लुटे
चैन की नी़ंद क्यो़ं कोई सोता नहीं
क्या भरोसा करें हम किसी का सनम
आदमी आदमी का ही होता नहीं
बात में बात सबकी मिलाता रहूँ
आदमी हूँ सनम कोई तोता नहीं
मौलिक एवं…
ContinueAdded by Akhand Gahmari on June 7, 2014 at 6:30pm — 3 Comments
2122 2122 2122
मत कहो आकाश में कुहरा धना है
जाल धुमते बादलो ने बस बुना है
धूप की चादर अभी फैली फिजा में
चाँदनी को चाँद से मिलना मना है
भूल से भी हम न तड़़पाये तुझे थे
दे गवाही आज वो तेरा अना है
फूल भी रोने लगे तब से चमन में
रौद देगा माली ही जब से सुना है
नींद भी तब से नहीं आती किसी को
आदमी शैतान ही जब से बना है
आज ये सुन शर्म खुद रोने लगा क्यों
औरतो ने राह पर बच्चा जना है
मौलिक एवं…
Added by Akhand Gahmari on June 1, 2014 at 1:00am — 13 Comments
1222 1222 1222 1222
कहाँ से अजनबी दिल के हमारे पास आते है/
हमारे दिल में बस कर वो हमारा दिल चुराते है
हमारी जिन्दगी भी तो अमानत होे गई जिनकी
वही अब जिन्दगी में आग जाने क्यों लगाते है
जहर खाना नहीं जीवन बड़ा अनमोल सुन लो तुम
न खाये हम जहर तो क्या करें वो दिल जलाते है
हमारे सपनो को अपना कभी वो समझते लेकिन
न जाने क्यों…
Added by Akhand Gahmari on May 31, 2014 at 10:00pm — 7 Comments
गीत
मेरे ख्वाबो में बस जा तू तेरे हम साथ चल देगे
तेरा सूना पड़ा जीवन प्यार मे हम तो बदल देगे
तेरे तो साथ चलने को मेरा यह दिल तड़पता है
वि़ऱह की अाग जो जलती रही उसमें ये सुलगता है
कभी तुम पास आ देखो तुम्हे़ हम प्यारा कल देगे
मेरे ख्वा़बो में बस जा तू तेरे हम साथ चल देगे
खुली आँखो से देखे थे कभी हम सपनो जो तेरे
सनम तू आके बन जाना हकीकत सपनो के मेरे
तुझे छुअेगे कभी काँटे हम काँटो को मसल देगे
मेरे ख्वाबो में बस जा तू तेरे हम…
Added by Akhand Gahmari on May 28, 2014 at 10:36am — 12 Comments
2122 1222 1212 211
जिन्दगी भर जिसे हमने इश्क सिखाया था
बेवफा हम नहीं हमने उसे बताया था
दिल दुखाया नहीं हमने कभी न माने वो
आग में जल पड़े दुश्मन गले लगाया था
बात भी प्यार से वाे अब कभी नही करते
चाँदनी रात में जिसने कभी बुलाया था
हम मनाते रहे कसमे जिसे सभी देकर
मौत की नीद भी हमको वही सुलाया था
जल रहा…
ContinueAdded by Akhand Gahmari on May 27, 2014 at 9:30pm — 6 Comments
2122 1221 2212
चोट खाते रहे मुस्कुराते रहे
प्यार के फूल हम तो खिलाते रहे
अब भरोसा नहीं जिन्दगी का हमे
दर्द सह कर उसे हम मनाते रहे
जिन्दगी प्यार उनको सिखाती रही
और वो जिन्दगी को भुलाते रहे
साथ वो चल दिये है किसी गैर के
प्रीत की रीत हम तो निभाते रहे
आज की रात हम मर न जाये कही
पास अपने उसे हम बुलाते रहे
बात जब है चली बेवफाई की तो
बेवफा कह हमे वह बुलाते रहे
बात उनकी करे ना करे हम मगर
याद मे उन की आँसू बहाते…
Added by Akhand Gahmari on May 18, 2014 at 9:22am — 20 Comments
गजल अश्क
212 212 212 212
गीत उसके लिखे गुनगुनाता रहा
हाल दिल का सभी को बताता रहा
ये उदासी भरी जिन्दगी क्योंं मिली
सोच कर अश्क मैं तो बहाता रहा
हम को उसके शहर में मिली मौत थी
लाश अपने शहर में जलाता रहा
चाँद में दाग है चाँदनी में नही
बात दिल को यही मैं बताता रहा
प्यार से चल सके ना कदम दो कदम
जाम पी पी तुझे तब भुलाता रहा
मौलिक एवं अप्रकाशित…
ContinueAdded by Akhand Gahmari on May 15, 2014 at 10:30am — 26 Comments
प्यार तुमसे किया तुम निभा ना सके
दर्द दिल का कभी हम मिटा ना सके
जिन्दगी तो हमारी रही ना मगर
मौत से हाथ भी हम मिला ना सके
चाँद कह कह पुकारा हमे जो तुने
उन पलो को कभी हम भुला ना सके
ना किये वेवफाई कभी हम मगर
बात का हम भरोसा दिला ना सके
टूट कर बिखर तो हम गये हैं मगर
खा लिये हम जहर पर खिला ना सके
रात भर आइ सपनो में तुम तो मगर
बात अपनी तुझे हम बता ना सके
लौट आता सुहाना समय वो मगर
गीत भी प्यार के हम सुना ना सके
थक गये है…
Added by Akhand Gahmari on May 11, 2014 at 1:00pm — 8 Comments
2122 2122 1222
क्या शिकायत करू मैं इस जमानें से
फायदा क्या है किसी को बतानें से
अब मजारो की तरफ यूँ न देखो तुम
आ सकेगें हम न आँसू बहानें से
बदनसीबी साथ मेरे उम्र भर थी
सो रहा हूँ चोट खा कर जमानें से
यार मेरे तुम बहाओ न अश्को को
फायदा क्या अब यहाँ दिल जलानें से
रूठ कर हम से चले ही गये वो जब
साथ ना अब तो मिले कुछ बतानें से
मौलिक एवं अप्रकाशित अखंड गहमरी गहमर…
ContinueAdded by Akhand Gahmari on April 16, 2014 at 6:00pm — 16 Comments
Added by Akhand Gahmari on April 15, 2014 at 12:30pm — 10 Comments
चल रहे थे अकेले हम वो मिल गये
साथ उनका मिला बुझे दीप जल गये
बीत गये हमारे पल इंतजार के
बंध गये थे हम धागो में प्यार के
जिन्दगी में चाहत के फूल खिल गये
साथ उनका मिला बुझे दीप जल गये
चल रहे थे अकेले हम वो मिल गये
हर चाहतो को मेरी जानने लगे
आँखो की भाषा को पहचाने लगे
जीवन के रंग ढ़ग सभी बदल गये
साथ उनका मिला बुझे दीप जल गये
चल रहे थे अकेले हम वो मिल गये
इक दिन जाने कैसा आया जलजला
टूट गया उसके आने का…
Added by Akhand Gahmari on April 9, 2014 at 5:30pm — 10 Comments
Added by Akhand Gahmari on April 4, 2014 at 7:13pm — 6 Comments
बात भी दिल की तुझे हम अब बतायें कैसे
साथ जो हमने बिताये पल भुलायें कैसे
बंद रखना तू न ओठों को बता दे इतना
बात जो दिल पर लिखी तुमने मिटायें कैसे
मौत भी करती रही है वेवफाई मुझसे
पास हम अपने बुलायें तो बुलायें कैसे
आपकी तो चाहतो में खुद जले थे ऐसे
लाश भी कोई हमारी अब जलायें कैसे
खोल कर अपने लबों को तू बता दे यारा
दाग दामन पर लगे हैं वो धुलायें कैसे
मौलिक एवं अप्रकाशित अखंड गहमरी
Added by Akhand Gahmari on April 3, 2014 at 5:17pm — 12 Comments
देखा है जब से तेरी तस्वीर को सनम
आँखो मे मेरे बस गइ खा के कहूँ कसम
कैसा है तुमसे रिश्ता हमको नही पता
पर बात अपने दिल की मैं तुमको दूँ बता
जैसे है तेरे साथ रिश्ता मेरा अहम
आँखो मे मेरे बस गइ खा के कहूँ कसम
देखा है जब से तेरी तस्वीर को सनम
देखा था मैनें सपना एक रात क्या कहूँ
आँखो से छलकते अश्कों के साथ मैं बहूँ
ये बात मेरी ऐसी नहीं हो तुझे हजम
आँखो मे मेरे बस गइ खा के कहूँ कसम
देखा है जब से तेरी…
ContinueAdded by Akhand Gahmari on March 4, 2014 at 4:48pm — 24 Comments
तड़पता छोड़ हमको जो चले जायेगें
दिल का दर्द हम तो अब किसे दिखायेगे
कभी प्यार से मिला करती मुझसे वो तो
हवा में अपना आंचल लहराती वो तो
बन गये जो सपने वह किसे बतायेगे
दर्द दिल का हम तो अब किसे दिखायेगे
तड़पता छोड़ हमको जो चले जायेगें
रोज सपने में मेरे वो तो आती थी
बंद ओठो से हमको गीत सुनाती थी
यादो को उसके कैसे हम भुलायेगें
दर्द दिल का हम तो अब किसे दिखायेगें
तड़पता छोड़ हमको जो चले जायेगें
वेवफाई का जो…
ContinueAdded by Akhand Gahmari on February 20, 2014 at 8:44pm — 4 Comments
ऐ जिन्दगी मुझ पे भरोसा ना करना
हमें तो है किसी की चाहत पे मरना
सवाँर पाओ ना तु बिखर जायेगे हम
आपकी दुनिया से चले जायेगें हम
हँसते रहेगें वो तुम रोते रहना
हमें तो है किसी की चाहत पे मरना
ऐ जिन्दगी मुझ पे भरोसा ना करना
आँख मे अश्क उसके दे जायेगें हम
तड़पते रहो तुम चले जायेगें हम
हमे हैं जमाने से कभी कुछ न कहना
हमें तो है किसी की चाहत पे मरना
ऐ जिन्दगी मुझ पे भरोसा ना करना
बैठा करे हम कभी नदीया किनारे
लेकर वो…
Added by Akhand Gahmari on February 16, 2014 at 12:18pm — 12 Comments
2122 2122 2122 2122
इस जमाने में हमे तुमकेा बुलाना भी नहीं हैं
तड़पते ही रहे मगर जख्म दिखाना भी नहीं है
चाँद छुप छुप जा रहा क्यों बादलो के संग देखो
राज की ये बात बेवफा को बताना भी नहीं है
दर्द ही हमको मिला जो दिल लगाया था किसी से
जख्म जो दिल पर लगे उन्हे दिखाना भी नहीं है
आई फिर ना वो बहारे जो चली इस बार गई पर
दर्द फूलो का बहारो को बताना भी नहीं है
नाम भी बदनाम उसका प्यार में ना…
ContinueAdded by Akhand Gahmari on January 31, 2014 at 8:00pm — 11 Comments
दिल से प्यार
रूह से प्यार
प्रतिक ताजमहल
सीता,सती,अनुसुईया
बाते किताबों की
आज का प्रेम तन
वासना, भूख
अंहकार,पुरूषार्थ का
अपमान सहे कैसे
खोजे सूनी राह
शांत गलीयाँ
लूटे अस्मत,
इज्जत तार तार
अबला देख रही थी सपने
दिखा रही सपने
कर गुजरने की चाहत
सीखने सीखाने की चाहत
पर अब अंधकार में कैद
लाख साथ जमाना
साथ में ताना
क्यों क्या कैसे
दिल को भेदते…
ContinueAdded by Akhand Gahmari on January 12, 2014 at 10:25am — 6 Comments
अपनो से दूर
अपने पराये
पराये अपने
चुटकी भर
सिंदूर से
पास मेरे
तन मन
अर्पण
मैं सुखी
उसकी खुशी
हर चाहते
सपने उमंग
चेहरे पर तेज
हर पल साथ
साँसो के साथ
मेरे अपने
उसके अपने
निर्स्वाथ सेवा
हम दो शब्द
प्यार के नहीं
जज्बातो से खेलते
हर सपने तोड़ते
शिव है हम
मगर वह सीता
सह गयी जुल्म
मगर ना मिला
राम को…
ContinueAdded by Akhand Gahmari on January 7, 2014 at 11:00pm — 18 Comments
अंजान जिन्दगी से
उड़ती पतंगो की तरह
सोलह बसंत पार
चली साजन के घर
सजाये सपने प्यार के
चाहत के अरमान के
मगर तबाह हुई
जिन्दगी मेरी
उनके झूठ से
राम कृष्ण के वंशज
जमाना कर्जदार
बेटा परिवार का दिवाना
परदेश कमाता
परिवार का रखवाला
शर्मीला,शांत, सुशील
बड़े अरमान से पाला
सर्वगुण सम्पन्न है
क्या क्या सुनी कहानी
सपनो को मिली हवा
हकीकत हकीकत थी
ना छुट पायी…
ContinueAdded by Akhand Gahmari on January 4, 2014 at 3:00pm — 13 Comments
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