माँ के आँचल में छुप जाते
हम सुनकर डाँट कभी जिनकी।
नव उमंग भर जाती मन में
चुपके से उनकी वह थपकी ।
उस पल जाना ‘प्रेम पिता का’
कितनी…
ContinueAdded by Dharmendra Kumar Yadav on December 7, 2024 at 1:55pm — 1 Comment
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