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मनोज अहसास's Blog – August 2016 Archive (1)

बिटिया की ग़ज़ल ,,मनोज अहसास,,,

ज़रा सा मुस्कुरा दो तो बड़ी हो जाओगी बिटिया

तुम्हीं जुगनू,तुम्हीं खुशबू, तुम्हीं हो चाँदनी बिटिया



किताबें कितनी सुन्दर हैं कहीं चंदा,कहीं तारे

लो अपने बस्ते में भर लो ये सारी रौशनी बिटिया



सुबह उठकर चली जाती हो जैसे रोज़ पढ़ने तुम

किसी दिन बच्चों को तुम भी पढाओगी मेरी बिटिया



चलो आओ चलें पढ़ने नए कुछ खेल भी खेलें

सरल हैं ये सभी चीज़े नहीं मुश्किल कोई बिटिया



नए रस्ते ,बड़ी मंज़िल ,घना उल्लास और साहस

बसा लो इनको जीवन में रहो संवरी सजी… Continue

Added by मनोज अहसास on August 21, 2016 at 3:53pm — 8 Comments

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