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Ram Ashery's Blog – March 2018 Archive (2)

रोटी की मजदूर

यहाँ रोटी के चक्कर में फिरता

गाँव से शहर काम नहीं मिलता

रात को थका हुआ घर लौटता

मजदूर दुखी मन से यह कहता ।

अब घर का राशन बच्चे की फीस

बड़ी मुश्किल से कटेगें दिन तीस ।

विकास की गति है पंद्रह से बीस

चली है दिल्ली से ले शुभ अशीष ।

सड़क पर बना पुल जब गया टूट

किस्मत की गाड़ी को लिया लूट

प्रतिपक्ष कहते रहे सभी एक जुट

विपक्षी एकता में डाल दी फूट ।

संसद से सड़क तक झूठ ही झूठ

जंगल में बचे सिर्फ ठूठ ही ठूठ

मानवता गई इस जहां से… Continue

Added by Ram Ashery on March 24, 2018 at 4:42pm — 5 Comments

गर बनाना चाहते हो विकसित

गर बनाना चाहते हो विकसित

वतन तो करनी होगी मेहनत ।

धरम जाति की दूर करो नफरत

सब आज मिलकर संवार लो किस्मत ।

मजदूर गरीब की किस्मत खोटी

प्रजातन्त्र में भी मिलती न रोटी ।

मरता किसान फसल हुई खोटी

घर में न अन्न कैसे बने रोटी ।

कर्ज में कृषक सरकार है सोती

ललित विदेश में चुन रहा मोती ।

अज्ञान है मिटाना करो सुनिश्चित

हर बालक हो आज करो सुशिक्षित ।

बज गया बिगुल जंग होना बाकी

खत्म हुइ रात सुबह होना बाकी ।

समता समाज में आना बाकी…

Continue

Added by Ram Ashery on March 23, 2018 at 4:00pm — 6 Comments

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