तेरी बात अगर छिड़ जाती
जाने तुमको क्या क्या कहता
सूरज चंदा तारे उपवन
झील समंदर दरिया कहता
कहता तेरे होंठ गुलाबी
जैसे सूरज निकल रहा है
कहता बदन तुम्हारा ऐसा
जैसे सोना पिघल रहा है
मै तुमको सम्मोहक कहता
मै मनभावन रत्ना कहता
कहता तेरा रूप बहारों
की तरुणाई के जैसा है
और बदन, कहता संगमरमर
सी चिकनाई के जैसा है
तुमको पूनम की रातों का
जगमग जगमग चंदा कहता
तेरे…
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