रात की ओलावृष्टि के बाद गांव में मातम का माहौल था । हरिया खेत की मेड पर सर पकडे बैठा था कभी गिरी हुई फसल तो कभी पास में खेलते अपने बच्चों को देख रहा था । मन ही मन सोच रहा था... हे भगवान कैसे पालूंगा बिना मां के इन दोनों बच्चों को अगर किसानी छोड कर मजदूरी भी शुरू कर दूं तो मजदूरी मिलेगी कहां सारा गांव तो छोटे किसानों का ही है जिनके पास बमुश्किल चार पांच बिघे खेत हैं । शहर भी तो नहीं जा सकता इन बच्चों के साथ न रहने का ठौर न काम का ठिकाना ।
रह रहकर उ…
Added by kumar gourav on January 29, 2016 at 11:28pm — 3 Comments
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