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vikas rana janumanu 'fikr'
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Profile Information

Gender
Male
City State
delhi
Native Place
himachal pardesh

Vikas rana janumanu 'fikr''s Blog

महीन रेशम की डोरी है ये.

mere dost sankalp sharma ki sagaye pe kuch bhav vyakat karne ki koshish mai ye gahzal huee hai. umeed hai aapko pasand ayegi ..



---



महीन रेशम की डोरी है ये, ना ज़ोर इस पे तुम आज़माना

जहाँ ज़रूरत हो जीतने की, बस यूँ ही करना तुम हार जाना



न देखना एक दूसरे को...... भले ही आँखों मे प्यार क्यूँ हो

जो देखना हो, वो साथ देखो बस इक तरफ ही नज़र उठाना



कभी जो जाओगे बृंदावन तो बुलाना राधा ही राधा उसको

कन्हिया जो हो कहाना खुद तो, हां कान्हा जैसे नज़र… Continue

Posted on May 13, 2011 at 1:00pm — 9 Comments

खाब की ताबीर होने से रही

खाब की ताबीर होने से रही
ऐसी भी तकदीर होने से रही


पहले सी झुकती नहीं तेरी नज़र
अब कमां ये तीर होने से रही

चाहे जितने रंग भर लो खाब के
पानी मे तस्वीर होने से रही

कर लो पैनी ' फ़िक्र' जितनी तुम कलम
जौक, ग़ालिब, मीर, होने से रही 

Posted on November 8, 2010 at 10:25am — 3 Comments

~.. आपको हँसना हसाना चाहिए

आपको हँसना हसाना चाहिए

pyar का vaada निभाना चाहिए



कब तलक मैं ही निभाऊं रस्म-ए-इश्क़

आपको भी कुछ निभाना चाहिए



याद तो आएगी पल भर को मगर

भूलने को इक ज़माना चाहिए



खुद सर-ए-आईना हों वो एक दिन

खुद को भी तो आज़माना चाहिए



बोया जो है काटना होगा बही

सोच कर ही कुछ उगाना चाहिए



सारी फसलें खुद रखो कि))सान जी

चिड़िया को बस एक दाना चाहिए



मंदिर-ओ-मस्जिद ना जाओ हर्ज़ क्या

मैकदे हर शाम जाना चाहिए



फिर… Continue

Posted on November 1, 2010 at 11:30am — 2 Comments

जानलेवा प्यार है, इस प्यार से तौबा करो

सभी को मेरा प्रणाम ... एक नयी कोशिश की है आपके सामने पेश है ...



बहर है 2122 212 2 212 2 212

मंज़िले अपनी जगह, रास्ते अपनी जगह ... आप इस गाने की धुन पे इसे गुनगुना सकते हैं ...

_____________________________________________________________________



जानलेवा प्यार है, इस प्यार से तौबा करो

नासमझ ये दिल सही तुम तो इसे टोका करो



किस तरफ हो जा रहे, इस राह की मंज़िल है क्या

देर थोड़ी बैठ कर, तुम दूर तक सोचा करो



तुम बचाओ मुझसे दामन, पास… Continue

Posted on October 19, 2010 at 3:00pm — 10 Comments

Comment Wall (5 comments)

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At 7:08pm on October 22, 2010, Julie said…


अपनी दोस्ती से नवाज्नें का बहुत-बहुत शुक्रिया 'विकास राना जी'...!! -जूली :-)
At 10:13am on October 2, 2010, Admin said…
आदरणीय फिक्र जी, कृपया अपना सही संपर्क फ़ोन / मोबाइल नंबर अपडेट कर दे और ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार को साफ़ सुथरा रखने में मदद करे |
At 11:43pm on October 1, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 9:44pm on October 1, 2010, Admin said…

At 9:38pm on October 1, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…

 
 
 

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"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
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"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
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"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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