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परम आदरणीया वंदना जी,
आपके हृदय से आई इतनी सुन्दर शुभकामनाएँ हम दोनों के लिए बहुत मान्य रखती हैं। आपका बारम्बार आभार।
सादर और सस्नेह,
विजय निकोर
आपका हार्दिक आभार, प्रिय भाई जितेन्द्र जी।
यह आभा भगवान में विश्वास और संपूर्ण कृतज्ञता की देन है।
सादर और सस्नेह,
विजय निकोर
दोनों चेहरों पर एक आभा , सफल जीवन की
सादर!
आपका हार्दिक धन्यवाद, आदरणीया महिमा जी। आपको नव वर्ष के लिए शुभकामनाएँ।
सादर,
विजय निकोर
बेहद खुबसूरत फोटो ...सादर
आदरणीय सौरभ भाई जी:
आपका धन्यवाद।
नहीं यह फूल चंपा-से लगते हैं, पर वास्तव में यह अति भीनि सुगंध वाले camellia हैं। इनकी बगल में (not in the photo) gardenia, tea olive और hyacinth हैं जिनकी सुगंध फैलती है।
सच तो यह है कि नीरा जी के और मेरे मन में परम परमात्मा की सुगंध और परितोषण-सी बसी कृतज्ञता ने हम दोनों को ४० वर्ष से एक संग रखा है।
सादर,
विजय निकोर
आज आपका परिचय पूर्ण हुआ आदरणीय विजय भाईजी.
क्या खिले फूल चंपा के हैं .लग रहे हैं. इनकी सुगंधि से आपका वातावरण मुग्ध रहा करता होगा.
सादर
आदरणीय अमन जी:
शुभकामनाओं के लिए आपका हार्दिक आभार।
सादर,
विजय निकोर
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