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सामाजिक सरोकार Discussions (89)

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कथा नही यह,सत्य है

     हमारे गाँव शंखेश्वर के भव्य मंदिर प्रांगण में पहली बार जगद्गुरु शंकराचार्य(कांगड़ा पीठ) के आगमन पर बहुत जन सैलाब उमड़ा हुआ था। मैं भी…

Started by Vindu Babu

6 Dec 21, 2014
Reply by Vindu Babu

अब्बाजी के साथ एक दिन

मैंने ठीक किया जो जुमा को एक दिन की छुट्टी ली...सोचा कि अब्बा के साथ manendragarh में जुमा की नमाज़ अदा की जायेगी...अब्बा कितने खुश हो रहे…

Started by anwar suhail

3 Dec 16, 2014
Reply by Archana Tripathi

महिला-अत्याचार ....

महिला-अत्याचार .... महिला-अत्याचार केवल मारपीट तक सीमित नहीं है, इसके और भी कितने मानसिक प्रकार हैं, जो सामान्य दृष्टि में दिखते नहीं हैं,…

Started by vijay nikore

4 Dec 7, 2014
Reply by Dr. Vijai Shanker

उम्मीद भरे अभियान

“आपके असीम प्रेम के बदले, मैं आपके सपनों का भारत दूँगा” जैसे वाक्य से संबोधित करने वाले मोदी से करोड़ो लोगो की आँखों में सपने जाग उठे और इसक…

Started by DR. HIRDESH CHAUDHARY

2 Dec 7, 2014
Reply by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

लैंगिक-यौनिक विकलांगता : राज्य और समाज का कर्तव्य

आंगिक विकलता प्रकृति का ऐसा कष्टकारक अभिशाप है, जिसे व्यक्ति आजीवन भोगने के लिए विवश होता है | मूक, बधिर, नेत्रहीन, हाथ-पाँव से अपंग आदि वि…

Started by Santlal Karun

1 Oct 11, 2014
Reply by somesh kumar

शिक्षा-सुधार पर मेरे कुछ विचार

जन-भागीदारी की अपनी योजना पर कार्य करते हुए प्रधानमंत्री के मानव संसाधन मंत्रालय ने आम जनता से उनके नए शैक्षिक-विचारों और उसे कार्यान्वित क…

Started by somesh kumar

0 Oct 8, 2014

Women's Day .... (Vijay Nikore)

                                                             WOMEN'S  DAY   Often articles have been written on "Women's Day" by women. I a…

Started by vijay nikore

2 Mar 12, 2014
Reply by vijay nikore

कुंदन सी नीरव विजय

सादर वन्देआदरणीय सुहृद वृन्द! देश में गरीबी-उन्मूलन के नारे कितने भी गुंजार रहे हों लेकिन ग्रामांचलों की निर्धनता से तो आप सभी परिचित ही ह…

Started by Vindu Babu

2 Feb 10, 2014
Reply by Vindu Babu

साहित्य की पहुंच कहाँ तक??

           आज का समय अनेक विसंगतियों से जूझ रहा है। पूंजीवीदी विकास की अवधारण औरवैश्वीकरण नें समाज में गहरी खांइयां डाल दी हैं। सदियों से ह…

Started by Vindu Babu

9 Dec 5, 2013
Reply by Vindu Babu

अंजुमन प्रकाशन;पुस्तक लोकार्पण समारोह:अनुभव

    सादर वन्दे आदरणीय साहित्यप्रेमियों,     कहते हैँ न,पुस्तहित्य एक महकता हुआ उद्यान है"वास्तव मेँ 27अक्टूबर2013; को अंजुमन प्रकाशन नामरा…

Started by Vindu Babu

12 Dec 4, 2013
Reply by Vindu Babu

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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी.मैं आपकी टिप्पणी को समझ पाने में असमर्थ हूँ.मगर 'ग़ज़ल ' फार्मेट…"
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Chetan Prakash commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदाब,'नूर' साहब, सुन्दर  रचना है, मगर 'ग़ज़ल ' फार्मेट में…"
7 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
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'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ अड़सठवाँ आयोजन है।.…See More
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Nilesh Shevgaonkar commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"अश्रु का नेपथ्य में सत्कार भी करते रहेवाह वाह वाह ... इस मिसरे से बाहर निकल पाऊं तो ग़ज़ल पर टिप्पणी…"
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ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं

.सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं  जहाँ मक़ाम है मेरा वहाँ नहीं हूँ मैं. . ये और बात कि कल जैसी…See More
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Ravi Shukla posted a blog post

तरही ग़ज़ल

2122 2122 2122 212 मित्रवत प्रत्यक्ष सदव्यवहार भी करते रहेपीठ पीछे लोग मेरे वार भी करते रहेवो ग़लत…See More
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बृजेश कुमार 'ब्रज' posted a blog post

गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा

सार छंद 16,12 पे यति, अंत में गागा अर्थ प्रेम का है इस जग में आँसू और जुदाई आह बुरा हो कृष्ण…See More
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आदरणीय नीलेश जी "समझ कम" ऐसा न कहें आप से साहित्यकारों से सदैव ही कुछ न कुछ सीखने को मिल…"
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"आदरणीय गिरिराज जी सदैव आपके स्नेह और उत्साहवर्धन को पाकर मन प्रसन्न होता है। आप बड़ो से मैं पूर्णतया…"
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आदरणीय रवि शुक्ला जी रचना की विस्तृत समीक्षा के लिए आपका हार्दिक अभिनन्दन और आभार व्यक्त करता हूँ।…"
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Nilesh Shevgaonkar commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आ. बृजेश जी मुझे गीतों की समझ कम है इसलिए मेरी टिप्पणी को अन्यथा न लीजियेगा.कृष्ण से पहले भी…"
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
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