For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको !

सादर अभिवादन !!

  

’चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह एक सौ बानवाँयोजन है.   

 

इस बार के आयोजन के लिए सहभागियों के अनुरोध पर अभी तक आम हो चले चलन से इतर रचना-कर्म हेतु एक विशेष छंद साझा किया जा रहा है। 

इस बार के दो छंद हैं -  चौपाई छंद / पादाकुलक छंद   

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ - 

23 दिसम्बर’ 23 दिन शनिवार से

24 दिसम्बर’ 23 दिन रविवार तक

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं.  

चौपाई / पादाकुलक छंद के मूलभूत नियमों के लिए यहाँ क्लिक करें

जैसा कि विदित है, कई-एक छंद के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती हैं.

*********************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ - 

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ - 23 दिसम्बर’ 23 दिन शनिवार से 24 दिसम्बर’ 23 दिन रविवार तक रचनाएँ तथा टिप्पणियाँ प्रस्तुत की जा सकती हैं। 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करें.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें. 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. 
  8. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  9. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम  

Views: 296

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

स्वागतम् 

सादर अभिवादन, आदरणीय।

भोर  हुई  या  साँझ ढली है।
हम संशय  में  बात  सही है।।
लेकिन डटकर यह कहना है।
दृश्य गाँव  का  तय इतना है।।
*
धुँधली धुँधली सभी दिशाएँ।
मौन  पड़ी  हैं  सभी  हवाएँ।।
दूर नगर से गाँव खड़ा है।
संदूषण का कोप बढ़ा है।।
*
फसल कटी तो जली पराली।
बढ़ी  शीत  में  धुंध   निराली।।
रक्तिम बदली सूरज पीला।
धरती सूखी   मन है गीला।।
*
उद्योगों  के   पाँव   पड़े हैं।
चिमनीं लगतीं पेड़ खड़े हैं।।
धुआँ उगलते दिनभर ये भी।
रोजी दें पर  विषभर  ये भी।।
*
सुना  गाँव  में  भारत बसता।
दृश्य देख पर मन यह कहता।।
लिए टोकरी किधर चले हो।
तुम भी क्या बस गये छले हो।।
**
मौलिक/अप्रकाशित

आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार आपने सुन्दर चौपाइयाँ रची हैं. चौपाइयों के माध्यम से आपने. ग्राम्य जीवन में बढ़ती समस्याओं का भी आपने उठाया है.  हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर 

चौपाई ः छंद

गाँव ..हाट ..माल नहीं बिकता ।
बिकता तो अनाज ही मिलता ।।
शहर ..हाट सामान.. बिका है ।
मिला अगर धन काम चला है ।।

मर्द-बीर ये बड़े.. सयाने ।
एक द्वैत हैं एक निशाने ।।
साथ - साथ ..चलते हैं दोनों ।
माल दिखाते सभी दुकानों ।।

हुई प्रात ..तब.. मंडी आये ।
माल समेट शहर ले आये ।।
कृषक साग-सब्जी फल बेचे ।
लौटे घर.. खुश.. होते बच्चे ।।

खेल- खिलौने सखा सुहाने ।
लेकिन पैसे.. लगे ठिकाने ।।
कपड़े ..लत्तों ..शीत बितानी ।
तब होती है शिशिर सुखानी ।।

अभी ड्रेस बच्चों सिलवानी ।
गरम कोट पतलून मँगानी ।।
खर्च बहुत.. हो जाता इन में ।
फिर भी सर्दी लगती वन में ।।

मौलिक व अप्रकाशित

  आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार चौपाई रचने का सुन्दर प्रयास किया है आपने. किन्तु  दोनों/दुकानों या आये/आये या बच्चे /बेचे जैसे तुक विचारणीय हैं. सादर 

  

चौपाई छंद

*

साँझ हुई अब दिन ढलना है। तेज कदम घर को चलना है।।

रात    लगायेगी   अब  डेरा। होगा    राही    शीघ्र   अँधेरा।।

*

शीत  बढ़ेगी  तन  ठिठुरेगा। पग-पग  पर ज्यों शूल चुभेगा।।

सर्द   हवाएँ   घाव    करेंगी। चैन   न   पलभर   लेने   देंगी।।

*

भूल सकल  पथ  की दुश्वारी। शीश  उठा  चल गठरी भारी।।

शीघ्र  पहुँचना है  हमको घर। आगे  की  फिर   जाने  ईश्वर।।

*

पथ  पर इक  जो नारी मन है। उसमें उलझन ही उलझन है।।

बात हुई यह  अब अक्सर  की। चिन्ताएँ उसको सब घर की।।

*

काम   उसे   करने   हैं   नाना। प्रथम  बनाना  जाकर  खाना।।

सोना खाकर  अन्तिम दाना। कुछ पल सोकर फिर उठ जाना।।

#

~ मौलिक /अप्रकाशित.

आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त चित्रानुरूप उत्तम छंद रचे हैं। बहुत बहुत हार्दिक बधाई।

आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी आपका हृदय से आभार. सादर 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय नादिर ख़ान जी आदाब। अच्छी ग़ज़ल कही आपने। बधाई स्वीकार करें। बहुत क़रीब था मंज़िल के मैं तभी…"
7 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"जनाब तिलक राज कपूर जी आदाब, एक मुद्दत के बाद आपको तरही मुशाइरे में देख कर ख़ुशी हुई । तरही मिसरे पर…"
18 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय Tilak Raj Kapoor जी आदाब। तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही आपने। बधाई स्वीकार करें।"
20 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय संजय शुक्ला जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। सादर"
20 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
38 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"मुहतरमा रजना भाटिया जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता हूँ। कुछ…"
44 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"जनाब ज़ैफ़ जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता हूँ, कुछ सुझाव भी हैं…"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय नादिर जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीया रचना जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय दयाराम जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय दयाराम जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service