For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मैथिली साहित्य Discussions (35)

← Back to मैथिली साहित्य
Discussions Replies Latest Activity

प्रसाद बुझी हम पीबी रहल छी (बाबा के गीत )

प्रसाद बुझी हम पीबी रहल छी ई जीवन दुःख बाबा यौ नाम अहाँ के रटते -रटते ,करबै जीवन अंत यौ....... प्रसाद बुझी हम पीबी रहल छी ई जीवन दुःख बाब…

Started by kanta roy

1 Sep 20, 2016
Reply by जगदानन्द झा 'मनु'

जकरे देह में आगि लगैत छैक सैह ने जड़ैत अछि (लघुकथा)

एक दिन दू आदमी के झगड़ा होइत रहैक , जकर गलती रहइ से ओहि ठाम उपस्थित लोक के बेर - बेर दोसर के इंगित कs कहय जे एकर बात पर हमरा देह में आगि लाग…

Started by SANJAY KUMAR JHA

0 Aug 23, 2015

अथ फिनायल कथा !

दुःख हरो द्वारका नाथ शरण मैं तेरी ……. ! मोबाइलक घण्टी बाजल ! स्क्रीन पर चमकै छल “ कनियाँ के फोन ” ! इग्नोरक त प्रश्ने नहि !! धरफरा क फोन उ…

Started by SANJAY KUMAR JHA

1 Aug 23, 2015
Reply by SANJAY KUMAR JHA

बेटी आ बहिनक मनोरथ के बारे में सेहो सोचु (लघुकथा)

अपना विवाह में बहुत राश संगी साथी के बरियाती जयबाक लेल कहलियनि , एबो केलाह , मुदा एकटा मित्र कहलाह जे जायब त लेकिन दारू पिबे टा करब । हम कह…

Started by SANJAY KUMAR JHA

3 Aug 11, 2015
Reply by kanta roy

चरिपतिया

               (१)चाहे आहाँ रहु दिल्ली आ मुम्बई,वा रहु देश-विदेशक कोनो कोण में,मैथिल भेटिते मैथिली बाजू टन द' मिठगर बोल में ।              …

Started by SANJAY KUMAR JHA

0 Aug 11, 2015

सीता माता वन्दना

तर्ज़ : जय जय भैरवि अशुर भयाऊनि जय जय सीता मिथिला तारिणी जनक धिया सुखदाईसुन्दर सुमति दिय हे मातादुःख निवारू माईजय जय सीता मिथिला तारिणी ।…

Started by SANJAY KUMAR JHA

0 Aug 10, 2015

गीत

ई जे साँझ परलै मैया की हमरे जीवनमे मुनल आँखि तकबै कहिया हमरो जीवनमे।। सगर दुनियाँकेँ चिलका माएक आँचर तर हम अभागल कोना भटकै छी दर-दर।। घुर…

Started by जगदानन्द झा 'मनु'

9 Aug 10, 2015
Reply by kanta roy

सम्हरि जाऊ बाबू मिथिलानी जागि गेल ( लघुकथा )

" यौ गाम बाबू ,सुनलियै , कि कहैत छथिन पिसी दाई । " " कि कहैत छथुन मंजूला बौआ , तोहर पिसी दाई ? " " कहै छथिन जे कतबो पढेबै बेटी के , पाई…

Started by kanta roy

9 Aug 10, 2015
Reply by kanta roy

की आहो रामा.....

की आहो रामा..... कल जोरी करै छि हे मैया.. विनती हमरो सुनियौ .. की आहो रामा... मिथिला के दियौ एअहन सपूत हे जननी..२   मोन में ने छल होई ओकरा.…

Started by pankaj jha

3 Jul 7, 2015
Reply by kanta roy

रुबाइ

  अपन बाँहि में अहाँ के गछारि लेब हम नजरि सँ करेज में उतारि लेब हम एक बेर हँ तँ कहि कए देखिऔ सगरो बाट पर आँचर पसारि देब हम  

Started by ASHISH ANCHINHAR

2 Jul 7, 2015
Reply by kanta roy

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छी कुंडलियाँ हुई हैं। हार्दिक बधाई।  दुर्वयस्न को दुर्व्यसन…"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मार्गशीर्ष (दोहा अष्टक)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर रोला छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
22 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मतभेद
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मार्गशीर्ष (दोहा अष्टक)

कहते गीता श्लोक में, स्वयं कृष्ण भगवान।मार्गशीर्ष हूँ मास मैं, सबसे उत्तम जान।1।ब्रह्मसरोवर तीर पर,…See More
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय दयारामजी"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मतभेद
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
Monday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service