For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भोजपुरी साहित्य Discussions (247)

← Back to भोजपुरी साहित्य
Discussions Replies Latest Activity

बिहार में

आजा घुमाईं देहीं, तोहके बधार में. लेल s लेल राजा, जवानी उधार में. सोना जस रंग हमार, चानी जस बदनवा. पतरी कमर हम्मर, बरछी जस नयनवा. चार सौ चा…

Started by satish mapatpuri

3 Jul 31, 2010
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

की तोहसे प्यार करी ले तोहरे से प्यार करीले ,

f मनवा में त चाह बा हमारो तोहरा के अपनाई, इ जनम का सातों जनमवा तोहरे पे लुटाई , की तोहसे प्यार करी ले तोहरे से प्यार करीले , m तोहरे खातिर…

Started by Rash Bihari Ravi

2 Jul 30, 2010
Reply by satish mapatpuri

मुख्य प्रबंधक

भोजपुरी ग़ज़ल (गनेश जी बागी)

गुड़ खूब खाले ख़ाली, गुल्गुल्ला से परहेज बा, आपने म्यान काटे, राउर तलवार बड़ी तेज बा , गाय के रखवारी देखी ,करत बा कसाई, पाई मोका करी हलाल,…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

13 Jul 30, 2010
Reply by satish mapatpuri

बाली उमिरिया पतली कमरिया चलेलु तू इठालाइ के ,

बाली उमिरिया पतली कमरिया चलेलु तू इठालाइ के , आग लगइबु का हो गोरिया बीच बजरिया आई के , चाल बा तोहर नागिन जइसन अचरा जब सरकावेलू , देख के मु…

Started by Rash Bihari Ravi

5 Jul 29, 2010
Reply by satish mapatpuri

आपन दुःख केकरा से कही ,

आपन दुःख केकरा से कही , इहा के बाटे सुने वाला , हर तरफ अन्धिआर भइल बा , धधकत बा दहेज के ज्वाला , बेटी के बाप त हमहू बानी , बड़ी मुश्किल से…

Started by Rash Bihari Ravi

5 Jul 29, 2010
Reply by kunal roy

मुख्य प्रबंधक

हल्की फुल्की हँसी की बात (भाग 5)

बहुत लोग के ना पता होई हमनी के गुरु जी ( Ravi Kumar Giri ) हस्त रेखा के भी जानकार बानी, एक दिन जगन भाई गएलन गुरु जी से आपन हाथ देखावे,गुरु…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

6 Jul 24, 2010
Reply by samarjeet kumar

काहे हमके सतावे लू गोरी खाली एगो झलक दिखाके ,

काहे हमके सतावे लू गोरी खाली एगो झलक दिखाके , का मिलेला तोहके बोला आइसे में हमके तरपा के , जाने लू तोहरे के चाही ले रखी ले दिल में बसा के ,…

Started by Rash Bihari Ravi

4 Jul 22, 2010
Reply by suryajeet kumar singh

मुख्य प्रबंधक

बाबूजी सिखवले ( भोजपुरी गीत )

बाबूजी सिखवलेs दुःख, सहीहs अपार , कबो ना करिहs बबुआs, केकरो प वारs , गलती ना करिह अइसन,पिटे पड़े कपारs, दुनिया में कुछु ना रही, रह जाई प्यार…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

4 Jul 20, 2010
Reply by Neelam Upadhyaya

अरे बाप रे बाप इ जिए ना दी कादून ,

अरे बाप रे बाप इ जिए ना दी कादून , दमवा बढावले बाटे फिरू इ बढाई , हमनी गरिबवान के आसू ना दिखाई , इ ता बरका लोग से मॉल पुआ खाई , अबकिर भोटवा…

Started by Rash Bihari Ravi

2 Jul 19, 2010
Reply by Saurabh Pandey

अउर ए बंद से महँगाई घटि गइल...हा..हा..हा..हा

केतना खुसी के बाति बा की काल्ह की बंद से महँगाई घटि गइल. हाँ भाई...काँहें हँसतानि..घटल नइखे का? खैर हो सकेला रउरा खातिर ना घटल होखे पर ए बं…

Started by Prabhakar Pandey

2 Jul 8, 2010
Reply by Rash Bihari Ravi

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
11 hours ago
anwar suhail updated their profile
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service