Sort by:
Discussions | Replies | Latest Activity |
---|---|---|
लघुकथा : बियाह कटवाशुक्ला जी गाँव के चौउराहा प पहुँच के, एने-ओने ताके लगले ! जईसे कुछ खोजत होखस ! फेर जाके बरगद के पेड़ तर बईठल एगो आदमी से पूछने, “ई हुशियार प… Started by पीयूष द्विवेदी भारत |
8 |
Dec 8, 2012 Reply by पीयूष द्विवेदी भारत |
हास्य कविता : नवहा मलिकाईनदिन भर महभारत बांचेली ! हमरी कपार पर नांचेली ! अपनी मांगन पर अड़ जाली ! जे मना करी हम लड़ जाली ! कहें हमसे कि जीन्स ले आव, हम नाही पहिन… Started by पीयूष द्विवेदी भारत |
6 |
Nov 10, 2012 Reply by पीयूष द्विवेदी भारत |
सदस्य टीम प्रबंधन दिवाली : पाँच दोहे (भोजपुरी).. . // सौरभनकबेसर के टोह में, अँगुरी मींजे रात । उहे दिवाली आजु ले, सिहरन पारे बात ॥ जम-दीया आ सूप से, भइल दलिद्दर दूर । पुलक गइल घर-देहरी, जगर-मगर… Started by Saurabh Pandey |
4 |
Nov 7, 2012 Reply by Saurabh Pandey |
हँस मत पगली ना त प्यार हो जाईनैना लडी त दिल के बुखार हो जाई हँस मत पगली ना त प्यार हो जाई भुखीयाँ प्यास तोहरा नाही लागी सुतलो मे ई तोहार अखीयाँ जागी हर चेहरा मे उनके द… Started by Bishwajit yadav |
7 |
Oct 20, 2012 Reply by Bishwajit yadav |
मुख्य प्रबंधक एगो प्रयास : भोजपुरी "कह मुकरी"एगो प्रयास : भोजपुरी "कह मुकरी" (१) चोरी छुपे मोहे ताकत बाड़न, टुकुर-टुकुर निहारत बाड़न, कहेलन रानी खालs पिज्जा, ऐ सखी दुलहा, ना रे जीजा !… Started by Er. Ganesh Jee "Bagi" |
19 |
Oct 12, 2012 Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi" |
मुख्य प्रबंधक एगो प्रयोग :- भोजपुरी हाइकूपांच गो भोजपुरी हाइकू (१) यू पी चुनाव शुरू बा कांव कांव जागल गाँव (२) हाथी तोपाई करकस बोलाई हाथों जोड़ाई (३) नेता के फ़ौज लफंगन के मौज… Started by Er. Ganesh Jee "Bagi" |
20 |
Oct 12, 2012 Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi" |
मुख्य प्रबंधक जलहरण घनाक्षरी : आम आदमी (भोजपुरी )जलहरण घनाक्षरी : आम आदमी (भोजपुरी ) चकरी में जोरू संग, दराला आम आदमी, रोज-रोज चउक प, बिकेला आम आदमी |खाली बस चुनाव में, आवेला उ धियान में,ज… Started by Er. Ganesh Jee "Bagi" |
14 |
Oct 12, 2012 Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi" |
भाई भोजपुरिया हो भाई भोजपुरिया ,भाई भोजपुरिया हो भाई भोजपुरिया ,कर ना तुही कुछ जोगार ना त देसवा बिरान हो जाई ,अठारह स संतावन या उनीस स बेआलिस हो ,पड़ल बा तहरे दरकार ना त… Started by Rash Bihari Ravi |
1 |
Oct 12, 2012 Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi" |
चला ना नेतवा से पुछाई ,तन मन धन के , दे द तू वतन के , चला ना नेतवा से पुछाई , कल तक भूखे मरत रहलिस , तोरा बाप इहा का आइल , वापस कर इ दौलत वतन के , ना त मुह पे काल… Started by Rash Bihari Ravi |
1 |
Oct 12, 2012 Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi" |
मुख्य प्रबंधक भोजपुरी लघु कथा :- चुनाव के बात अलग होला"हुजुर माई बाप, हम बहुत अफदरा में पड़ल बानी, मदद करीं, अब त एगो राउरे सहारा बा", मोहन लाल के मेहरारू सुरसतिया विधायक जी से गिड़गिड़ात एके स… Started by Er. Ganesh Jee "Bagi" |
22 |
Sep 28, 2012 Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi" |
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2025 Created by Admin.
Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |