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पत्नी:-
भईल बियाह कमात नईखs काहे,
घरही में रहेलs लजात नईखs काहे,

तीज के त्यौहार बा नया लुगा चाही,
सोहाग सिंगार कईसे मेहंदी लगाईं,
दोसरो के देख शौकियात नईखs काहे,
भईल बियाह कमात नईखs काहे,

सास ससुर जी हमके ताना मारेले,
निठलुआ के मेहsर ननदी कहेले,
जहर बोले देवरा रोकत नईख काहे,
भईल बियाह कमात नईखs काहे,


पति:-
मना करत रहनी बाबूजी ना मनले,
पढ़े के उमिरिया में बियाह करवले,
फाँस मे साँस पड़ल बुझत नईखु काहे,
हाथ गोड़ सिकोड़ चलत नईखु काहे,


पत्नी:-
भईल बियाह कमात नईखs काहे,
घरही में रहेलs लजात नईखs काहे,


पति:-
फाँस मे साँस पड़ल बुझत नईखु काहे,
हाथ गोड़ सिकोड़ चलत नईखु काहे,

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हमार पिछुलका पोस्ट => बाबूजी सिखवले ( भोजपुरी गीत )

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Replies to This Discussion

बिजय भैया राउर आशीर्वाद पा के हम आ हमर गीत दुनो धन्य हो गइल,
धन्यवाद भाई अमरेन्द्र,
ek wajib rachana ba| km umar me shaadi ke baat, fir nithaluwa ke mehar, aapo chuni ke likheli. bahut badhiya

गीत पसन्न करे खातिर आभार आशीष भाई ।

बहुत सुंदर ,, जिस उमर मे पढ़ना था बेटी उस उमर मे ससुराल के नखरे सह रही है | बहुत बाड़िया गीत बनाया है

सराहना हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीया डॉ नूतन गैरोला जी ।

गनेस भाईजी,

राउर जेतने बखान करीं कम्मे बा....बहुते सुन्नर गीत बा...एकदम से गेय...बहुत-बहुत आभार आपके...अउर साथे-साथे रहुआँ भोजपुरी समाज से जुड़ल एगो बड़हन समस्या के जिक्र क देले बानी।। नमन।

आदरणीय प्रभाकर भईया गीत रउआ से पास हो गईल इहे बड़ बात बा, बहुत बहुत आभार ।

परनाम गणेश भईया आ कहे के त कुछ नईखे सब कुछ रऊआ कहीये देले बानी बस ऐतने कहम
"क्या बात है जबरजस्त"

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