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योगराज प्रभाकर's Discussions (10,563)

Discussions Replied To (7) Replies Latest Activity

"ਪੁਚਾਈ ਰੂਹ ਨੂੰ ਠੰਡਕ ਹੈ ਡਾਢੀ    ਗ਼ਜ਼ਲ ਪੁਰ੍ਨੂਰ ਮਹਫ਼ਿਲ ਨੂੰ ਸੁਣਾ ਕੇ"

योगराज प्रभाकर replied Jul 13, 2012 to ਕਿੱਦਾਂ ਲੱਗਿਆ ? ਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਨੇ ਸੂਝਵਾਨ ਇਸ ਬਾਬਤ

2 Jul 24, 2012
Reply by SS

"ਅਜਾਦ ਨਜ਼ਮ ਵਿਚ ਵੀ ਬਲਾ ਦੀ ਰਵਾਨਗੀ ਹੈ ਡਾ ਹਰਦੀਪ ਜੀ - ਪੜ੍ਹ ਕੇ ਆਨੰਦ ਆ ਗਿਆ, ਦਿਲ ਤੋਂ ਮੁਬਾਰਕਬਾ…"

योगराज प्रभाकर replied Oct 31, 2011 to ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਦੀਵਾ

2 Nov 3, 2011
Reply by SS

"ਬਹੁਤ ਕਮਾਲ ਦੇ ਹਾਇਕੂ, ਇਸ ਵਿਧਾ ਵਿਚ ਆਪਦੀ ਮਹਾਰਤ ਕ਼ਾਬਿਲ-ਏ-ਤਾਰੀਫ਼ ਹੈ ਡਾ ਹਰਦੀਪ ਜੀ - ਦਿਲੀ ਮੁਬ…"

योगराज प्रभाकर replied Oct 31, 2011 to ਤਵੇ ‘ਤੇ ਚੰਦ

1 Nov 3, 2011
Reply by SS

"ਵਾਹ ਜੀ ਵਾਹ ਡਾਕਟਰ ਹਰਦੀਪ ਜੀ, ਕੀ ਕਮਾਲ ਦਾ ਵਿਸ਼ਾ ਚੁਣਿਆ ਹੈ ਆਪਣੀ ਗੱਲ ਕਹਿਣ ਲਈ ! ਦ੍ਰਿਸ਼ ਚਿਤ੍ਰਣ…"

योगराज प्रभाकर replied Aug 28, 2011 to ਗੀਟੇ ਖੇਲਣਾ

4 Aug 30, 2011
Reply by SS

"ਨੌ ਸ਼ਬਦਾਂ ਵਿੱਚ ਕਥਾਰਸਿਸ ਕਹ ਦਿੱਤਾ ਡਾਕ੍ਟਰ ਹਰਦੀਪ ਜੀ - ਬਹੁਤ ਖੂਬ ! "

योगराज प्रभाकर replied Aug 26, 2011 to ਧੁੱਪ

2 Aug 26, 2011
Reply by SS

"ਲਾਲੀ ਜੀ, ਦਿਲ ਦਾ ਰੁੱਗ ਭਰ ਕੇ ਲੈ ਗਿਆ ਇਹ ਗੀਤ ! ਪੜ੍ਹਦਿਆਂ ਪੜ੍ਹਦਿਆਂ ਅਖਾਂ ਗਿੱਲੀਆਂ ਹੋ ਗਈਆਂ !…"

योगराज प्रभाकर replied Aug 26, 2011 to ਕੀ ਕਰਾਂ ਅਮੀਏ ਮੈਂ ਤੇਰੇ ਤੋਂ ਬਗੈਰ ਨੀ ..................ਗੀਤ

4 Oct 26, 2011
Reply by राज लाली बटाला

"ਦੀਪਕ ਸ਼ਰਮਾ ਜੀ, ਬਹੁਤ ਖੂਬਸੂਰਤ ਕਵਿਤਾ ਕਹੀ ਹੈ ਤੁਸੀਂ ! ਤੁਹਾਡੀ ਕਵਿਤਾ ਵਿੱਚ ਗਜਬ ਦੀ ਮਾਸੂਮੀਅਤ ਹ…"

योगराज प्रभाकर replied Aug 17, 2010 to 'दीपक कुल्लुवी' नहीं कैहंदा

2 Aug 29, 2010
Reply by Rana Pratap Singh

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दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
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लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२२१/२१२१/१२२१/२१२ ***** जिनकी ज़बाँ से सुनते  हैं गहना ज़मीर है हमको उन्हीं की आँखों में पढ़ना ज़मीर…See More
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"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन एवं स्नेह के लिए आभार। आपका स्नेहाशीष…"
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दोहा सप्तक. . . नजर

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सदस्य टीम प्रबंधन
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"आपको प्रयास सार्थक लगा, इस हेतु हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी जी. "
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Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार आदरणीय । बहुत…"
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Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"छोटी बह्र  में खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई 'मुसाफिर'  ! " दे गए अश्क सीलन…"
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Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"अच्छा दोहा  सप्तक रचा, आपने, सुशील सरना जी! लेकिन  पहले दोहे का पहला सम चरण संशोधन का…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। सुंदर, सार्थक और वर्मतमान राजनीनीतिक परिप्रेक्ष में समसामयिक रचना हुई…"
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Sushil Sarna posted a blog post

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