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बाल साहित्य Discussions (213)

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Rising from the East : Sun is shining bright

Rising from the East Sun is shining bright The world becomes live Full of light Things are visible And darkness has gone Brushing their te…

Started by SudhenduOjha

0 Jun 10, 2016

Late in the evening : When night falls!

Late in the evening When night falls! After the dinner, On bed we crawls. Switch-on the AC Switch-on the fan. Switch-off the light Pull th…

Started by SudhenduOjha

0 Jun 10, 2016

एबीसीडी : एक्सवाईजेड

एबीसीडी हो या ईएफजीएच, आईजेकेएल हो या एमएनओपी सिर पे सब के रंग-बिरंगी टोपी हमें चाहिए भी ढेरों टॉफी क्यूआरएसटी ने यूवीडब्ल्यू से कहा एक…

Started by SudhenduOjha

0 Jun 10, 2016

कैलेंडर

जनवरी, फरवरी, मार्च, पकड़ के नाचें हाथ। अप्रैल, मई, जून, गर्मी आई चलें देहरादून। जुलाई, अगस्त, सितंबर, पानी आया घर के अंदर। अक्टूबर, नवंब…

Started by SudhenduOjha

2 Jun 10, 2016
Reply by SudhenduOjha

आओ देश को समृद्ध बनाएं / सुरेश कुमार ' कल्याण '

साक्षरता की जोत जगाएं, आओ देश को समृद्ध बनाएं । अनपढता रहेगी जब तक, आगे नहीं बढेंगे तब तक, माथे से कलंक मिटाएं, आओ देश को समृद्ध बनाएं ।…

Started by सुरेश कुमार 'कल्याण'

0 Jun 5, 2016

तरबूज (बाल गीत ) /सुरेश कुमार ' कल्याण '

सडक किनारे रेहडी पर ढेर लगा तरबूजों का । हराभरा और भीतर लाल रंग भरा तरबूजों का। काले-काले बीजों से रस टपके तरबूजों का । बच्चा खाए बूढा खाए…

Started by सुरेश कुमार 'कल्याण'

0 Jun 2, 2016

बेटी( कविता)

बेटी ------------- बेटी मेरी बड़ी हुई है। पुस्तक लेकर खड़ी हुई है।। कहती पापा मुझे पढ़ाओ। सुंदर कपड़े मुझे पहनाओ।। बेटा हूँ मैं सच कहती हूँ…

Started by NEERAJ KHARE

0 Jun 2, 2016

बन्दर मामा (बाल गीत)/सुरेश कुमार ' कल्याण '

बन्दर मामा-बन्दर मामा बन गए दूल्हे पहन पजामा। बन्दरिया मामी नहीं है आई मामा ने है रट लगाई करवा दो अब मेरी सगाई दुल्हन मेरी सुन्दर लाना बन्…

Started by सुरेश कुमार 'कल्याण'

1 Jun 1, 2016
Reply by Saurabh Pandey

साईकिल (बाल साहित्य )

दो पहिए की सवारी साईकिल, पापा मुझको दिलवा दो साईकिल। बिना तेल के चलती है, प्रदूषण नहीं फैलाती साईकिल। पैट्रोल-डीजल के दाम बढे, खर्चा कम क…

Started by सुरेश कुमार 'कल्याण'

2 Jun 1, 2016
Reply by सुरेश कुमार 'कल्याण'

खिलौने

बाबा , खिलौने ला दो मोबाइल नहीं खिलौने ला दो गेंद बल्ला , गुल्ली डंडा घर में भालू ,मोर और गेंडा | बाहर जाकर खेलना है मुझको दोस्तों के संग र…

Started by KALPANA BHATT ('रौनक़')

1 May 4, 2016
Reply by KALPANA BHATT ('रौनक़')

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"सार छंद +++++++++ धोखेबाज पड़ोसी अपना, राम राम तो कहता।           …"
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"भारती का लाड़ला है वो भारत रखवाला है ! उत्तुंग हिमालय सा ऊँचा,  उड़ता ध्वज तिरंगा  वीर…"
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"शुक्रिया आदरणीय चेतन जी इस हौसला अफ़ज़ाई के लिए तीसरे का सानी स्पष्ट करने की कोशिश जारी है ताज में…"
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"संवेदनाहीन और क्रूरता का बखान भी कविता हो सकती है, पहली बार जाना !  औचित्य काव्य  / कविता…"
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"अच्छी ग़ज़ल हुई, भाई  आज़ी तमाम! लेकिन तीसरे शे'र के सानी का भाव  स्पष्ट  नहीं…"
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Saurabh Pandey commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सुरेद्र इन्सान जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई।  मतला प्रभावी हुआ है. अलबत्ता,…"
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"आदरणीय सौरभ जी आपके ज्ञान प्रकाश से मेरा सृजन समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी"
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ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
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Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 182 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का…See More
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Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
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गजल - सीसा टूटल रउआ पाछा // --सौरभ

२२ २२ २२ २२  आपन पहिले नाता पाछानाहक गइनीं उनका पाछा  का दइबा का आङन मीलल राहू-केतू आगा-पाछा  कवना…See More
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"सुझावों को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय सुशील सरना जी.  पहला पद अब सच में बेहतर हो…"
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Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
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