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राधा का बाल मन रुआंसा हुआ जा रहा था! उसने दादीमाँ से टीटू भैया की चुगली कर दी थी!

"दादी माँ ,टीटू भैया मेरे भैया को मार रहे हैं अन्दर कमरे मैं ! उन को आप मना करो न!" और जोर जोर से रोने लगी!
दादी माँ को गुस्सा आ गया! इतनी छोटी सी बच्ची को ये दोनों भाई परेशान कर रहे हैं! "अभी मैं उन दोनों की खबर लेती हूँ बेटा! तू रो मत! आज दोनों की पिटाई होगी!"
ये कह कर दादीमाँ कमरे में चली गईं!
राधा का तो मन धक् से रह गया! मेरे भैया को क्यूँ मारेंगी दादीमाँ ? टीटू भैया लड़ रहे है ! मेरे भैया थोड़े ही लड़ते हैं !" ये सोच कर राधा डरने लग गई! तभी उसकी चचेरी बहन ने आकर उससे कहा,"क्या राधा,क्यूँ चुगली की तूने ! वो दोनों तो लड़ाई वाला खेल खेल रहे हैं! कोई सच्ची में थोड़े न मार रहा है किसी को! अब दादी माँ दोनों की पिटाई करेंगी ! "
राधा का डर और बढ़ गया ! जब भैया को पता चलेगा कि उनकी चुगली राधा ने कि है तो वो कितना गुस्सा हो जाएँगे! सात साल कि नन्ही सी बच्ची के डर का ढिकाना नहीं था! उसके बाल मन में ग्लानी होने लगी! उसे समझ ही में नहीं आ रहा था कि वह करे तो क्या करे! वह फटाफट से उठ कर अपने कमरे में अपने पलंग के नीचे जाकर छूप गई!
इधर भैया उसे पुरे घर में ढूंढ रहे थे!राधा थोड़ी देर के लिए भी इधर उधर होती तो भैया को चिंता होने लगती थी! छोटी बहन का लाड जो था!
किसी ने शायद राधा को पलंग के नीचे जाते हुए देख लिया था! जब ये बात भैया को पता चली तो वे जोर जोर से हंसने लगे ! और कमरे में पहुँच कर प्यार से राधा को पलंग के नीचे से निकाला ! राधा अभी भी सहमी हुई थी ! उसने भैया से पूछा "दादी माँ ने आपको मारा क्या भैया ?" और रोने लगी! भैया ने प्यार से उसे गोद में उठा लिया और बोले," अरे नहीं दादी माँ तो मज़ाक कर रही थीं! मुझे किसी ने नहीं मारा!चल, बाहर कुल्फी वाला आया है,कुल्फी खाएगी ?!"
राधा ने हाँ में सर हिला दिया !!

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Replies to This Discussion

आदरणीया नूतन व्यास जी, बाल सुलभ मन में उठ रही भावनाओं को बाखूबी उकेरा है आपने, अच्छी कहानी है, बधाई स्वीकार करें |

बहुत आभार आपका गणेश जी !  

कहानी बेशक छोटी लेकिन बेहद असरदार नूतन जी .....


दीपक 'कुल्लुवी'

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