For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एक घोषणा : OBO करेगा आपके द्वारा लिखी पुस्तकों का नि:शुल्क विज्ञापन

एक घोषणा : OBO करेगा आपके द्वारा लिखी पुस्तकों का नि:शुल्क विज्ञापन

प्रिय ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के सदस्यगण,
सादर अभिवादन ।

OBO सदैव अपने सदस्यों को साहित्य लेखन हेतु प्रोत्साहित करता रहता है जिसका उदाहरण "OBO लाइव तरही मुशायरा" तथा "OBO लाइव महा इवेन्ट" है । इसी क्रम मे मुझे यह घोषणा करते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि OBO प्रबंधन अपने सदस्यों द्वारा लिखी पुस्तकों का नि:शुल्क विज्ञापन "ओपन बुक्स आनलाइन" के मुखपृष्ठ पर करेगा ।

पुस्तकों के नि:शुल्क विज्ञापन हेतु नियम और शर्ते निम्नलिखित हैं....

(१) पुस्तकों के नि:शुल्क विज्ञापन हेतु लेखक को न्यूनतम विगत तीन महीने से ओपन बुक्स आनलाइन परिवार का सक्रिय सदस्य होना आवश्यक है ।

(२) किस पुस्तक का विज्ञापन कब, कबतक करना है या नही करना है, इसका निर्णय OBO प्रबन्धन का होगा और सर्वमान्य होगा ।

(३) विज्ञापन हेतु पुस्तक की एक specimen कॉपी, OBO प्रधान सम्पादक को तथा एक Specimen कॉपी OBO के संस्थापक को उनके दिये गये पते पर नि:शुल्क उपलब्ध करानी होगी ।

(४) ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के सदस्यों हेतु पुस्तक क्रय पर विशेष छूट जो १० प्रतिशत या उससे अधिक हो, देनी होगी, सदस्य होने के दावे की पुष्टि OBO प्रबंधन से की जा सकती है ।

(५) कृपया पुस्तक के बारे मे निम्न सूचना हमारे ई-मेल admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध करायें....

पुस्तक का शीर्षक
पुस्तक का विषय
पुस्तक का लेखक
पुस्तक का मूल्य
पुस्तक के मूल्य पर OBO सदस्यों हेतु छूट प्रतिशत
पुस्तक मिलने का पता
पुस्तक के मुखपृष्ठ की स्कैन कॉपी

(६) Specimen कॉपी भेजने का पता ....

(अ) श्री योगराज प्रभाकर
(प्रधान सम्पादक)
ओपनबुक्सऑनलाइन डॉट कॉम
मकान नं. -२९/२४,
एसडीएसई सेकेण्डरी स्कूल के सामने
लाहौरी गेट, पटियाला - १४७००१
(पंजाब)
मोबाइल न.09872568228

(ब) गणेश जी "बागी"
(संस्थापक)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम

B-304, आरोही इन्क्लेव, निकट कश्यप ग्रीन सिटी,

कोथवाँ, दानापुर पटना 801503
मोबाइल न. 09431288405

(७) इस नि:शुल्क विज्ञापन योजना को स्थगित करने, समाप्त करने, किसी पुस्तक का विज्ञापन करने या ना करने सम्बंधित सभी अधिकार ओपन बुक्स ऑनलाइन प्रबंधन के पास सुरक्षित है, किसी तरह का कोई दावा या विवाद मान्य नहीं होगा |

-- एडमिन
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 5811

Reply to This

Replies to This Discussion

 नमस्ते एडमीन जी,

मैंने अपने काव्य-संग्रह 'इंद्रधनुष' का  विज्ञापन संबंधी मेल पूर्ण विवरण के साथ दिये गये पते पर भेजा था, अब क्या करना होगा?

सादर,

मनन 

आदरणीय मनन कुमार जी, आपके द्वारा नि: शुल्क विज्ञापन योजना हेतु कोई पुस्तक प्राप्त नहीं है.

मेरा आशय काव्य-संग्रह से है 

सुन्दर योजना है

आदरणीय बागी जी, अविलंब प्रेषित करता हूँ।@मनन
आदरणीय बागीजी,आज पुस्तक की दो प्रतियाँ;एक प्रधान संपादकजी के नामसे तथा दूसरी आपके नाम से प्रेषित हो गयी हैं @मनन

आदरणीय, 

मैंने अपना काव्य-संग्रह 'इंद्र्धानुष' (दो प्रतियाँ) प्रेषित किया था, मिला भी होगा शायद। 

आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, आप द्वारा प्रेषित काव्य-संग्रह 'इंद्र्धानुष' प्राप्त है, इसी पोस्ट में कुछ और डिटेल्स की मांग की गयी है जो अभी तक प्राप्त नहीं है कृपया कंडिका 5 देखें और ईमेल द्वारा डिटेल्स उपलब्ध करा दें, डिटेल्स प्राप्त होते ही विज्ञापन यथा शीघ्र ओ बी ओ मुख्य पृष्ठ पर लगा दिया जाएगा.

सादर.

आदरणीय बागीजी,आवश्यक सूचना मैंने प्रेषित की  है, सादर। 

'इंद्र्धानुष' मुख्य पृष्ठ पर अभी नहीं दिख रहा है, सादर।

OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना एक सीमित अवधि के लिए है न की असीमित, सादर. 

बहुत सराहनीय प्रयास है । हार्दिक स्वागत है।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . रोटी
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। रोटी पर अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आदाब।‌ हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' साहिब। आपकी उपस्थिति और…"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं , हार्दिक बधाई।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया छंद
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। प्रेरणादायी छंद हुआ है। हार्दिक बधाई।"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आ. भाई शेख सहजाद जी, सादर अभिवादन।सुंदर और प्रेरणादायक कथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
9 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"अहसास (लघुकथा): कन्नू अपनी छोटी बहन कनिका के साथ बालकनी में रखे एक गमले में चल रही गतिविधियों को…"
yesterday
pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
Thursday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service