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आदरणीय साहित्य प्रेमियो,

सादर अभिवादन ।
 
पिछले 63 कामयाब आयोजनों में रचनाकारों ने विभिन्न विषयों पर बड़े जोशोखरोश के साथ बढ़-चढ़ कर कलम आज़माई की है. जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर नव-हस्ताक्षरों, के लिए अपनी कलम की धार को और भी तीक्ष्ण करने का अवसर प्रदान करता है. इसी सिलसिले की अगली कड़ी में प्रस्तुत है :

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-64

विषय - "कोहरा / कुहरा"

आयोजन की अवधि- 12 फरवरी 2016, दिन शुक्रवार से 13 फरवरी 2016, दिन शनिवार की समाप्ति तक

(यानि, आयोजन की कुल अवधि दो दिन)

 
बात बेशक छोटी हो लेकिन ’घाव करे गंभीर’ करने वाली हो तो पद्य- समारोह का आनन्द बहुगुणा हो जाए. आयोजन के लिए दिये विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी अप्रकाशित रचना पद्य-साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते हैं. साथ ही अन्य साथियों की रचना पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते हैं.

उदाहरण स्वरुप पद्य-साहित्य की कुछ विधाओं का नाम सूचीबद्ध किये जा रहे हैं --

 

तुकांत कविता
अतुकांत आधुनिक कविता
हास्य कविता
गीत-नवगीत
ग़ज़ल
हाइकू
व्यंग्य काव्य
मुक्तक
शास्त्रीय-छंद (दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका आदि-आदि)

अति आवश्यक सूचना :- 

  • सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान मात्र एक ही प्रविष्टि दे सकेंगे.  
  • रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें.
  • रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे अपनी रचना पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं.
  • प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें.
  • नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.


सदस्यगण बार-बार संशोधन हेतु अनुरोध न करें, बल्कि उनकी रचनाओं पर प्राप्त सुझावों को भली-भाँति अध्ययन कर एक बार संशोधन हेतु अनुरोध करें. सदस्यगण ध्यान रखें कि रचनाओं में किन्हीं दोषों या गलतियों पर सुझावों के अनुसार संशोधन कराने को किसी सुविधा की तरह लें, न कि किसी अधिकार की तरह.

आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है. 

इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं. 

रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से स्माइली अथवा रोमन फाण्ट का उपयोग न करें. रोमन फाण्ट में टिप्पणियाँ करना, एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.   

(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 12 फरवरी 2016, दिन शुक्रवार लगते ही खोल दिया जायेगा) 

यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.

महा-उत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
 

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" के पिछ्ले अंकों को पढ़ने हेतु यहाँ क्लिक करें
मंच संचालक
मिथिलेश वामनकर
(सदस्य कार्यकारिणी टीम)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम.

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छन्न पकैया / सारछंद

छन्न पकैया छन्न पकैया , सर्द रात ये काटी
बर्फ -बर्फ हुई रक्त - रक्तिम , हिन्दुस्तानी माटी

छन्न पकैया छन्न पकैया , विपदा कैसी आई
वीर लडैया घर में हारे , कुहसा छँट ना पाई

छन्न पकैया छन्न पकैया, कैसा गोरखधंधा
नेता बनिया बने कसाई , जनतंत्र चढ़े कंधा

छन्न पकैया छन्न पकैया, गली में दंगल छाई
बात - बात में खड़ी हुई है , पहाड़ जैसी राई

छन्न पकैया छन्न पकैया, धुँध प्रीत पर छाई
शांत नदी में कंकड़ फेका , किसकी ये चतुराई

छन्न पकैया छन्न पकैया , सपनों का यह आना
मीठे सपनों का सिरहाना , कितना अब अनजाना

छन्न पकैया छन्न पकैया , दिल मेरा है बच्चा
मंद गति पर तंज ना कसियो , ख्याल रखियो चच्चा


मौलिक और अप्रकाशित
वाह्ह्ह्!बहुत सुंदर छन्न पकैया छंद।बहुत बहुत बधाई वन्दनीया कांता दी।

आभार आपको आदरणीय सतविंदर जी रचना पर मेरा हौसला बढ़ाने  हेतु। 

सुन्दर छन्न पकैया पर बधाई आदरणीया  कांता जी 

 

छन्न पकैया छन्न पकैया , सपनों का यह आना
मीठे सपनों का सिरहाना , कितना अब अनजाना

छन्न पकैया छन्न पकैया , दिल मेरा है बच्चा
मंद गति पर तंज ना कसियो , ख्याल रखियो चच्चा.......इन  दोनों  पर और ख़ास बधाई 

हृदयतल से आभार आपको आदरणीया प्रतिभा जी  रचना पर मुझे प्रोत्साहित करने के लिए। 

आदरणीया कांता जी, आपको छंद रचते देखकर दिल खुश हो गया. यकीनन आप थोड़े अभ्यास के बाद शनदार छंद लिखने लग जायेंगी. इस प्रस्तुति पर गुणीजनों ने इशारा कर दिया है. बस थोड़ी सी सुधार की गुंजाइश है. बाकी छंद पर आपका प्रयास मुग्ध करने वाला है. इस शानदार प्रस्तुति पर आपको हार्दिक बधाई.

वाह ! रोचक एवं आकर्षक ,
छन्न पकैया छन्न पकैया, धुँध प्रीत पर छाई
शांत नदी में कंकड़ फेका , किसकी ये चतुराई
बहुत बहुत बधाई , आदरणीय सुश्री कान्ता रॉय जी , सादर।

आपको ये अच्छा लगा , यह मेरे लिए पारितोषक  के सामान है आदरणीय डॉ विजय शंकर जी।   अभिनन्दन आपको। 

आदरनीया कांता जी , विषयानुरूप सार्थक छंद रचना के लिये आपको हार्दिक बधाई ।

तहेदिल आभार आपको  आदरणीय गिरिराज जी रचना पर आकर मान देने के लिए। 

आदरणीया कांता जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति. हार्दिक बधाई. पुनः उपस्थित होता हूँ. सादर 

आपकी ' पुनः उपस्थिति " की अपेक्षा के लिए प्रतीक्षारत  ,आभारी हूँ आदरणीय मिथिलेश जी। 

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आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

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