मित्रों आप सबके समक्ष है नए सालका नया तोहफा एक नए कोने के माध्यम से| प्रस्तुत है भूले बिसरे गीतों की कहानी " गीत भूले बिसरे"| प्रतिदिन साईट में दाहिनी तरफ परिवर्तित होने वाला यह कोना आप सबको ऐसी पुरानी यादों में ले जायेगा जो मष्तिष्क के किसी कोने में अब भी तरो ताज़ा
हैं| ऐसे गीत जिन्हें जिन्हें ज़माने में उडी धूल की परतों ने धुंधला कर
दिया है, जिन्हें सुनकर पुराने दिन चोले बदल कर सिरहाने आ बैठते हैं, दिल
के कसी कोने में एक हलचल सी मचाती है| आपकी यादों के इन्ही घरौंदों को बचा
कर रखने की एक कोशिश है " गीत भूले बिसरे"|
*मुख्य पृष्ठ पर स्थान उपलब्ध करने के लिए OBO प्रबंधन को भी बहुत बहुत धन्यवाद|
आशा है आपको यह प्रयास बहुत पसंद आयेगा|
इस कोने के बारे में अपनी प्रतिक्रया से ज़रूर अवगत कराएं|
आपका अपना
(राणा प्रताप सिंह)
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आज का गीत १९७१ के युद्ध पर आधारित और भारतीय वायु सेना की जांबाजी को दर्शाती फिल्म हिंदुस्तान की कसम (१९७३) से है आवाज मन्ना डे जी की है, इस कालजयी गीत के गीतकार हैं कैफ़ी आज़मी साहब| बहुत दिनों पहले संपादक जी और मेरी इसी गीत को लेकर बात चल रही थी तब उन्होंने बताया था कि इस फिल्म की शूटिंग उन्होंने शायद स्कूल से भागकर देखी थी| योगी सर ...राजकुमार साहब कैसे लगते थे और बाकी का वृत्तान्त भी प्लीज बताइए
आज का गीत विशेष मांग पर प्रस्तुत है, फिल्म का नाम है ग़ज़ल, गायक हैं रफ़ी साहब और संगीत मदन मोहन का है, इस खूबसूरत गीत को फ़िल्माया गया है सुनील दत्त औरमीना कुमारी के ऊपर, तो आप भी लुत्फ़ लीजिये इस खूबसूरत गीत का।
मुझसे कह दे मैं तेरा हाथ किसे पेश करू,,,....
वाह वाह धन्यवाद राणा जी
साहिर साहब का लिखा और रफ़ी साहब का गाया यह नग्मा मुझे खास पसंद है
लाता जी का गया
नग्मा ओ शेर की सौगात किसे पेश करू
भी लाजवाब है
आज का गीत फिर से फिल्म ग़ज़ल का है, गायक हैं रफ़ी साहब और संगीत मदन मोहन साहब का है, इस खूबसूरत गीत को फ़िल्माया गया है सुनील दत्त औरमीना कुमारी के ऊपर, गीतकार हैं साहिर लुधियानवी।
साथियों ! रात्रि के समय मुकेश की आवाज दोगुना आनंद देती है आज का गीत भी कुछ ऐसा ही है फिल्म का नाम है मुक्ति (१९७७) संगीतकार है राहुल देव बर्मन गीतकार है आनंद बक्षी और फिल्माया गया है शशि कपूर तथा विद्या सिन्हा पर |
मुझे ऐसा मिला मोती, ऐसा मोती कोई सागर में न होगा
लता जी की आवाज और कल्याण जी आनंद जी का पीक टाइम, गीत तो नायाब होना ही था फिल्म है पिघलता आसमान(१९८५)
वो जफा करे सह लूंगी, वो गिला करे सह लूंगी
जिस हाल में वो रखे मुझको, उस हाल में मै रह लूंगी|
एक चाँद आसमां पे है एक मेरे पास है
१९६८ में दिलीप कुमार और मनोज कुमार स्टारर एक फिल्म आई थी आदमी, ये गीत भी उसी फिल्म का है| इस गीत की ख़ास बात यह है कि इसे मोहम्मद रफ़ी के साथ तलत महमूद और महेंद्र कपूर दोनों की आवाज में अलग अलग रिकॉर्ड किया गया| उस समय के लोग बताते हैं की मनोज कुमार ने तलत जी की आवाज को नकार दिया था और उस समय बहुचर्चित महेंद्र कपूर जी की आवाज को स्वीकारा था परन्तु मार्केट में तलत जी की आवाज वाले LP और रिकॉर्ड ज्यादा बिके| तो आइये अनद लेते हैं इस खूबसूरत गीत का
प्रस्तुति: राणा प्रताप सिंह
मान गये राणा जी फिल्म संगीत के सम्बन्ध में आपकी जानकारी और आपकी पसंद दोनों को सलाम !!! और इस सुमधुर श्रृंखला के लिये शुभकामनाएं और बधाई !!!
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