For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गुफ़्तगू कैम्पस काव्य प्रतियोगिता के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित (निःशुल्क)

पिछले वर्ष की तरह इस साल भी ‘गुफ्तगू कैम्पस काव्य प्रतियोगिता’ का आयोजन किया जा रहा है। जिसके लिए छात्र-छात्राओं से प्रविष्टियां आमंतित्रत की गई हैं।

किसी भी शिक्षण संस्थान में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं ही इस प्रतियोगिता में शिरकत कर सकते हैं।
प्रतियोगिता के अंतर्गत प्राप्त होने वाले सभी प्रविष्टियों में से चुने हुए 20 प्रतिभागियों से काव्य पाठ कराया जाएगा, इस मौके पर मौजूद अतिथि इन प्रतिभागियों को अंक देंगे। सभी के अंकों को जोड़ने के बाद विजेता की घोषणा मंच पर ही कर दी जाएगी।
प्रथम स्थान पाने वाले को 1500 रुपए,
द्वितीय वाले को 1000 रुपए
और तीसरे स्थान हासिल करने वाले को 750 रुपए नकद और प्रशस्ति पत्र दिये जाएंगे।
इसके अलावा दस प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार के अंतर्गत 500-500 रुपए की साहित्यिक पुस्तकें दी जाएंगी।

प्रविष्टियां भेजने की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2012 है।
प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए निम्नलिखत सामग्री कोरियर या रजिस्टर्ड डाक से भेजनी है।

1.दो रचनाएं (कविता, ग़ज़ल,गीत, नात आदि)
2.मौलिकता प्रमाणपत्र (एक सादे कागज पर)
3. पासपोर्ट आकार का रंगीन फोटो
4.बायोडाटा  (डाक का पता, मोबाइल और फोन नंबर सहित) भेजने का पता
5 .इस समय जिस विद्यालय / कालेज / कोचिंग /  से अध्ययनरत हैं  वहाँ का परिचय पत्र अथवा एडमीशन कार्ड 

संपादक-गुफ्तगू

123ए-1,हरवारा,धूमनगंज,इलाहाबाद-211011
मोबाइल नंबर: 9889316790,9335162091,9453004398
पिछले वर्ष यह आयोजन 30 अक्तूबर 2011 को इलाहाबाद के प्रीतमनगर में स्थित मदर इंटरनेशनल स्कूल के कैम्पस किया गया। जिसकी अध्यक्षता मशहूर शायर मुनव्वर राना की थी,जबकि मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश सरकार के तत्कालीन कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ मौजूद थे। इनके अलावा विधायक श्रीमती पूजा पाल, अमृत प्रभात के कार्यकारी संपादक मुनेश्वर मिश्र,डा.राजीव सिंह, डा.पीयूष दीक्षित, सी आर यादव,धनंजय सिंह, इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी,शिवपूजन सिंह,संतोष तिवारी समेत अनके साहित्यकार मौजूद थे।

Views: 1005

Reply to This

Replies to This Discussion

अरे वाह!!!

इतनी अच्छी खबर कैसे अछूती रह गयी!  

अबके साल मै भी इसमें शिरकत करना चाहती हूँ। प्लीज इसको अपडेट करियेगा। और खुशकिस्मती  की बात ये है की इस अगस्त तक मै एक शिक्ष्ण संस्थान की छात्रा रहूगीं :))))

 

अभी आपका विद्यार्थी जीवन पूरा नहीं हुआ है क्या ???

किसी भी शिक्षण संस्थान में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं ही इस प्रतियोगिता में शिरकत कर सकते हैं।

एक तो कभी विद्यार्थी जीवन पूरा नही होता है। 

दुसरे मै अभी औपचारिक रूप से  शिक्षण संस्थान में अध्धयनरत हूँ जिसका नाम है "श्री गुजराती समाज बी एड एवं विधि कॉलेज।

मैंने पूरी तरह से नियम और काइदे पढ़ कर ही इसमें शामिल होने की इच्छा जाहिर की है। 

अब यह चाहे मेरी खुश किस्मती कह लीजिये की, भारत में समस्त विश्व विद्यालय के बी एड के इम्तेहान हो चुके है और मेरे इम्तेहान अगस्त  के बाद ही होंगे :)))))))  

मगर इस साल यह कार्यक्रम नवंबर में होगा :(((((((((

चिंता न कीजिये,, जहाँ चाह वहाँ राह :))))))))))

क्या मालूम मेरे रिजल्ट नवम्बर में ही आयें :))))

लेकिन अब आप इसे नवम्बर तक ही रहने दीजिये,, दिसम्बर मत करिए, नई तो फिर

मै  एम् एस सी कर ने का सोचूंगी :))))))  

:)))))))))))))))))))

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

दोहा सप्तक. . . . . नजरनजरें मंडी हो गईं, नजर बनी बाजार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार…See More
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२/२१२/२१२/२१२ ****** घाव की बानगी  जब  पुरानी पड़ी याद फिर दुश्मनी की दिलानी पड़ी।१। * झूठ उसका न…See More
12 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"शुक्रिया आदरणीय। आपने जो टंकित किया है वह है शॉर्ट स्टोरी का दो पृथक शब्दों में हिंदी नाम लघु…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"आदरणीय उसमानी साहब जी, आपकी टिप्पणी से प्रोत्साहन मिला उसके लिए हार्दिक आभार। जो बात आपने कही कि…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"कौन है कसौटी पर? (लघुकथा): विकासशील देश का लोकतंत्र अपने संविधान को छाती से लगाये देश के कौने-कौने…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"सादर नमस्कार। हार्दिक स्वागत आदरणीय दयाराम मेठानी साहिब।  आज की महत्वपूर्ण विषय पर गोष्ठी का…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी , सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ.भाई आजी तमाम जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"विषय - आत्म सम्मान शीर्षक - गहरी चोट नीरज एक 14 वर्षीय बालक था। वह शहर के विख्यात वकील धर्म नारायण…"
Saturday
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . . .

कुंडलिया. . .चमकी चाँदी  केश  में, कहे उम्र  का खेल । स्याह केश  लौटें  नहीं, खूब   लगाओ  तेल ।…See More
Saturday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सादर प्रणाम - सर सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार…"
Saturday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post भादों की बारिश
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपकी लघुकविता का मामला समझ में नहीं आ रहा. आपकी पिछ्ली रचना पर भी मैंने…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service