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योगराज प्रभाकर's Discussions (10,561)

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"शुक्रिया हिलाल भाई !"

योगराज प्रभाकर replied Oct 3, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-4 (Now Close)

268 Oct 5, 2010
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"जनाब स्पंदन पाण्डेय साहिब ने दावत-ए-सुखन कबूल फरमाते हुए अपनी मंदर्जा ज़ैल ग़ज़ल तरही…"

योगराज प्रभाकर replied Oct 3, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-4 (Now Close)

268 Oct 5, 2010
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"हिलाल भाई, बेहतरीन आशार कहे हैं हैं अपने ! एक एक शेअर सवा सवा लाख का है - बहुत खूब !"

योगराज प्रभाकर replied Oct 3, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-4 (Now Close)

268 Oct 5, 2010
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"मोहतरम साथियों - एक ग़ज़ल के चंद टूटे फूटे आशार पेश-ए-खिदमत है ! मेरे हाथों की लकीरों…"

योगराज प्रभाकर replied Oct 3, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-4 (Now Close)

268 Oct 5, 2010
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"//जो 'मसीहा' कहे खुद को 'सुलह' का 'अमरीका' तो 'किराए' पे सबको भेजता 'लश्कर' क्यूँ है…"

योगराज प्रभाकर replied Oct 2, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-4 (Now Close)

268 Oct 5, 2010
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"//आसमान छत है और जमीन ही ठिकाना है, ठिठुरती रूहों पे बरपता ऐसा कहर क्यूँ है! // बाहु…"

योगराज प्रभाकर replied Oct 2, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-4 (Now Close)

268 Oct 5, 2010
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"आदरनीय ब्रिजेश त्रिपाठी जी, बहुत अच्छे ख्यालात लेकर आई है आपकी गज़ल ! इस मुशायरे में…"

योगराज प्रभाकर replied Oct 2, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-4 (Now Close)

268 Oct 5, 2010
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"बहुत अच्छे ख्याल है सुबोध भाई, लेकिन आपकी गजल में दिए हुए काफिए का निर्बाह पूरी तरह…"

योगराज प्रभाकर replied Oct 2, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-4 (Now Close)

268 Oct 5, 2010
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"बहुत खूब पल्लव, //जिसने दौलत को चुना था तोड़ कर दिल मेरा, हाल उसका मेरे हालात से बदत…"

योगराज प्रभाकर replied Oct 2, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-4 (Now Close)

268 Oct 5, 2010
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"निहायत ही बाकमाल गजल कही है अपने अरुण कुमार पाण्डेय जी ! //कितने मुद्दे सड़क पे तोड़…"

योगराज प्रभाकर replied Oct 2, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-4 (Now Close)

268 Oct 5, 2010
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