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Dayaram Methani's Discussions (1,054)

Discussions Replied To (944) Replies Latest Activity

"खूब वसन हैं धवल सियासत में लेकिनसब का ही मन  इसमें  काला लगता है।२।.................…"

Dayaram Methani replied May 24, 2019 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-107

315 May 25, 2019
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय समर कबीर जी,  कृपया बतायें कि मेहरबान 2221 को महरबान करके इसे 2121 माना जा सक…"

Dayaram Methani replied May 24, 2019 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-107

315 May 25, 2019
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय दण्डपाणि जी, सुंदर गज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"

Dayaram Methani replied May 24, 2019 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-107

315 May 25, 2019
Reply by Samar kabeer

"आन पड़े जब मुश्किल घड़ियां जीवन में।एक रु'पइया एक हजारा लगता है ।।...............आदरणी…"

Dayaram Methani replied May 24, 2019 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-107

315 May 25, 2019
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय अंजलि सिफर जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"

Dayaram Methani replied May 24, 2019 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-107

315 May 25, 2019
Reply by Samar kabeer

"जग में पैसा सबको प्यारा लगता है पैसे वाला सबको सयाना लगता है मुखड़ा तेरा देखा तो ये…"

Dayaram Methani replied May 24, 2019 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-107

315 May 25, 2019
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय आसिफ ज़ैदी साहब, प्रदत्त विषय पर बहुत सुंदर रचना। बधाई स्वीकार करें।"

Dayaram Methani replied Apr 12, 2019 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-102

130 Apr 13, 2019
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय मिथलेश जी, आपने समस्या तो सही उठाई लेकिन उसका समाधान व्यवहारिक नहीं लगता। अपन…"

Dayaram Methani replied Feb 27, 2019 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-47 (विषय समाधान)

263 Mar 1, 2019
Reply by योगराज प्रभाकर

"सात दशकों से अधिक हो गये आज़ादी को,इतने में तो देश का भाग्य निखर जाना था।..........सु…"

Dayaram Methani replied Feb 22, 2019 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-104

466 Feb 23, 2019
Reply by Samar kabeer

"शोक संदेश था दुश्मन का मुझे है मालूम,उसके घर बैठने इक बार मगर जाना था।  ......सुंदर…"

Dayaram Methani replied Feb 22, 2019 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-104

466 Feb 23, 2019
Reply by Samar kabeer

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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. भाई शिज्जू 'शकूर' जी, सादर अभिवादन। खूबसूरत गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
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सदस्य टीम प्रबंधन
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"आदरणीय नीलेश नूर भाई, आपकी प्रस्तुति की रदीफ निराली है. आपने शेरों को खूब निकाला और सँभाला भी है.…"
19 hours ago
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ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)

हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है पहचान छुपा के जीता है, पहचान में फिर भी आता हैदिल…See More
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है हार्दिक बधाई।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं हार्दिक बधाई।"
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"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। इस मनमोहक छन्दबद्ध उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
" दतिया - भोपाल किसी मार्ग से आएँ छह घंटे तो लगना ही है. शुभ यात्रा. सादर "
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"सादा शीतल जल पियें, लिम्का कोला छोड़। गर्मी का कुछ है नहीं, इससे अच्छा तोड़।।......सच है शीतल जल से…"
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