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Er. Ganesh Jee "Bagi"'s Discussions (8,124)

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सदस्य टीम प्रबंधन

"उभरती जेहन मे बात ये अक्सर क्यू है, सेठ के चौखट कोई भुखा नौकर क्यू है, पूजने से बुत…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Oct 3, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-4 (Now Close)

268 Oct 5, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

"सर्वप्रथम तो ओपन बुक्स ऑनलाइन के मंच से इस चर्चा को शुरू करने के लिये आपका आभार, आज…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Oct 2, 2010 to आप अपना बिचार दे क्या बापू के सोच के हिसाब से हम चल रहे हैं ,

4 Oct 2, 2010
Reply by Rash Bihari Ravi

सदस्य टीम प्रबंधन

"बहुत खूब अनुपमा जी, बहुत ही संजीदा ग़ज़ल पढ़ी आप ने खुबसूरत ख्याल हैं, सुना है फैली ह…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Oct 1, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-4 (Now Close)

268 Oct 5, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

सदस्य टीम प्रबंधन

"वाह वाह पल्लव भाई, कमाल की ग़ज़ल कही है आपने, मज़ा आ रहा है मुशायरे मे, पहले नविन भैय…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Oct 1, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-4 (Now Close)

268 Oct 5, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

सदस्य टीम प्रबंधन

"अफसरों और लीडरों की पीढियां सिक्योर्ड, आदमी - आम का लटका हुआ लंगर क्यूँ है. वाह अरु…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Oct 1, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-4 (Now Close)

268 Oct 5, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

सदस्य टीम प्रबंधन

"वोहो क्या बात है नविन भईया, गज़ब का आगाज़ दिया है, जबरदस्त .......... उफ़ ये दस्तूर…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Oct 1, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-4 (Now Close)

268 Oct 5, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

मुख्य प्रबंधक

"अरुण भाई बिलकुल सही फरमा रहे है आप, बच्चपन की बाते सोच सोच मन ही मन मे हसी आती है, व…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Sep 29, 2010 to "यादें" (आईये लिखे कुछ ऐसी यादों को जो भूलता ही नहीं)

48 Jan 5, 2011

"वाह क्या बात है, अपनी बातों को मजबूती से रखने का एक ससक्त माध्यम- काव्य प्रस्तुति, ब…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Sep 27, 2010 to अयोध्या मसले का हल क्या है ?

14 Oct 1, 2010
Reply by आशीष यादव

मुख्य प्रबंधक

"धन्यवाद अरुण भाई , आज भी कई मेल आते है अरबपति बनाने वाले , पर मैं एक का ही पति बन कर…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Sep 26, 2010 to www.openbooksonline.com को मिला £1,000,000.00(British Pounds) का प्राइज़ !!!

29 Dec 25, 2010
Reply by Lata R.Ojha

"आदरणीया पूजा जी, इस संवेदनशील मुद्दे को OBO के मंच से उठाने के लिये धन्यवाद, आज की स…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Sep 25, 2010 to राष्ट्रमंडल खेल : क्या देश की गरिमा बढेगी ?

9 Sep 26, 2010
Reply by abhinav

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अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक धन्यवाद , छंद की प्रशंसा और सुझाव के लिए। वाक्य विन्यास और गेयता की…"
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अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी  वाह !! सुंदर सरल सुझाव "
20 minutes ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले जी सादर अभिवादन बहुत धन्यवाद आपका आपने समय दिया आपने जिन त्रुटियों को…"
22 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी सादर. प्रदत्त चित्र पर आपने सरसी छंद रचने का सुन्दर प्रयास किया है. कुछ…"
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्रानुसार घुसपैठ की ज्वलंत समस्या पर आपने अपने…"
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
""जोड़-तोड़कर बनवा लेते, सारे परिचय-पत्र".......इस तरह कर लें तो बेहतर होगा आदरणीय अखिलेश…"
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"    सरसी छंद * हाथों वोटर कार्ड लिए हैं, लम्बी लगा कतार। खड़े हुए  मतदाता सारे, चुनने…"
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अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी हार्दिक आभार धन्यवाद , उचित सुझाव एवं सरसी छंद की प्रशंसा के लिए। १.... व्याकरण…"
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Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द लोकतंत्र के रक्षक हम ही, देते हरदम वोट नेता ससुर की इक उधेड़बुन, कब हो लूट खसोट हम ना…"
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण भाईजी, आपने प्रदत्त चित्र के मर्म को समझा और तदनुरूप आपने भाव को शाब्दिक भी…"
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Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"  सरसी छंद  : हार हताशा छुपा रहे हैं, मोर   मचाते  शोर । व्यर्थ पीटते…"
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अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे परिवेश। शत्रु बोध यदि नहीं हुआ तो, पछताएगा…"
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