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नयना(आरती)कानिटकर's Discussions (929)

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"आ.अन्नपूर्णा जी इतनी हिम्मत एक स्त्री मेम आ जाए फ़िर वो चाहे माँ हो या सास तो किसी कि…"

नयना(आरती)कानिटकर replied Jul 31, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-28 (विषय: सुख)

936 Aug 1, 2017
Reply by rajesh kumari

"आ. राजेश दीदी बच्चों को संदेश देती बढिया कथा. बधाई आपको"

नयना(आरती)कानिटकर replied Jul 31, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-28 (विषय: सुख)

936 Aug 1, 2017
Reply by rajesh kumari

"आ. विनय जी  सच कहा आपने ये मूक जितने वफ़ादार होते है ना उतने ही भावना प्रधान. हमारे ह…"

नयना(आरती)कानिटकर replied Jul 31, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-28 (विषय: सुख)

936 Aug 1, 2017
Reply by rajesh kumari

"मिलों का सफ़र तय करोगे मेरे भाई. अग्रिम शुभकामनाएँ"

नयना(आरती)कानिटकर replied Jul 31, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-28 (विषय: सुख)

936 Aug 1, 2017
Reply by rajesh kumari

"सही कहा भाई जी. मगर मै लाख कोशिशो के बाद भी गजल पर कलम नहीं चला पाई."

नयना(आरती)कानिटकर replied Jul 31, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-28 (विषय: सुख)

936 Aug 1, 2017
Reply by rajesh kumari

"कल्पना क्या कहूँ इस रचना के लिए सर जी सब कह चुके. बधाई  बधाई"

नयना(आरती)कानिटकर replied Jul 31, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-28 (विषय: सुख)

936 Aug 1, 2017
Reply by rajesh kumari

"अरे वाह निलेश  गजल से बढते हुए लघुकथा का सफ़र प्रारंभ करने हेतु स्वागत तुम्हारा इस मं…"

नयना(आरती)कानिटकर replied Jul 31, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-28 (विषय: सुख)

936 Aug 1, 2017
Reply by rajesh kumari

"ओह! शशी मन भर आया आँखे सजल हो उठी. प्रतिक्रिया देते नहीं बन रही.  भावनाओं को शब्दों…"

नयना(आरती)कानिटकर replied Jul 31, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-28 (विषय: सुख)

936 Aug 1, 2017
Reply by rajesh kumari

"आ. उस्मानी जी किसी किसी की फ़ितरत में ही होता है वे दूसरो को निचा दिखाकर ही सुख का अन…"

नयना(आरती)कानिटकर replied Jul 30, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-28 (विषय: सुख)

936 Aug 1, 2017
Reply by rajesh kumari

"आदरणीय बरखा शुक्ल जी  बढ़िया प्रस्तुति के लिए सादर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं "

नयना(आरती)कानिटकर replied Jul 30, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-28 (विषय: सुख)

936 Aug 1, 2017
Reply by rajesh kumari

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"बहुत शुक्रिया आदरणीय। देखता हूँ क्या बेहतर कर सकता हूँ। आपका बहुत-बहुत आभार।"
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"आदरणीय,  श्रद्धेय तिलक राज कपूर साहब, क्षमा करें किन्तु, " मानो स्वयं का भूला पता…"
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Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"हर सिम्त वो है फैला हुआ याद आ गया  ज़ाहिद को मयकदे में ख़ुदा याद आ गया यह शेर पाप का स्थान माने…"
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Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"तन्हाइयों में रंग-ए-हिना याद आ गया आना था याद क्या मुझे क्या याद आ गया लाजवाब शेर हुआ। गुज़रा हूँ…"
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