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umesh katara's Discussions (79)

Discussions Replied To (79) Replies Latest Activity

"दीपक हूँ मैं जो बुझ न सकूंगा हवाओं से   कोशिश तमाम कर के ये तूफ़ान तो गया  वाहहहहहहहह…"

umesh katara replied Mar 28, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-57

709 Mar 29, 2015
Reply by Saurabh Pandey

"वाह वाह"

umesh katara replied Mar 28, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-57

709 Mar 29, 2015
Reply by Saurabh Pandey

"-------------------------------------गमगीन करके आज वो महमान तो गयाजो बस गया दिलों मे…"

umesh katara replied Mar 28, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-57

709 Mar 29, 2015
Reply by Saurabh Pandey

प्रधान संपादक

"वाह वाह वाह मजा आ गया साहब होली होली कह के योगी , ओ बी ओ में घूमें डेढ़ पैग देसी का म…"

umesh katara replied Mar 5, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा-उत्सव" (होली स्पेशल) अंक-53

1413 Mar 7, 2015
Reply by Saurabh Pandey

प्रधान संपादक

"छन्न पकैया छन्न पकैया, ओ बी ओ अनुरागी  साजिन्दे हैं प्राची, राणा, सौरभ, योगी, बागी  …"

umesh katara replied Mar 5, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा-उत्सव" (होली स्पेशल) अंक-53

1413 Mar 7, 2015
Reply by Saurabh Pandey

"वाह वाह किसी के रोने तड़फने से कब कसाई रुकेकि वक़्त-ए-ज़ब्ह तो सिसकारियाँ नहीं चलतीं"

umesh katara replied Feb 28, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-56

666 Mar 1, 2015
Reply by Hari Prakash Dubey

"बहुत खूबसूरत मतले से सजी गजल वाह--------------वहाँ किसी की भी अय्यारियाँ नहीं चलतींख़…"

umesh katara replied Feb 28, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-56

666 Mar 1, 2015
Reply by Hari Prakash Dubey

"वाह रंग भरी इस गजल के लिये Hari Prakash Dubey जी बहुत बहुत मुबारकवादजो भाभियों ने लि…"

umesh katara replied Feb 28, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-56

666 Mar 1, 2015
Reply by Hari Prakash Dubey

"जफ़ा ,फरेब पे टिकती न प्यार की दुनिया   दिलों के खेल में खुद्दारियाँ नहीं चलतीं    वा…"

umesh katara replied Feb 28, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-56

666 Mar 1, 2015
Reply by Hari Prakash Dubey

"ये कैफियत भी अजब हो गई जमाने कीबुजुर्ग बाप की बेगारियाँ नहीं चलतीं क्या बात है साहब…"

umesh katara replied Feb 28, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-56

666 Mar 1, 2015
Reply by Hari Prakash Dubey

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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। यह गजल इस बार के मिसरे पर नहीं है। आपकी तरह पहले दिन मैंने भी अपकी ही तरह…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल कुछ शेर अच्छे हुए हैं लेकिन अधिकांश अभी समय चाहते हैं। हार्दिक…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई महेंद्र जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल से मंच का शुभारम्भ करने के लिए हार्दिक बधाई।"
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Tasdiq Ahmed Khan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
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Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
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Manjeet kaur replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
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Manjeet kaur replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"खुशबू सी उसकी लाई हवा याद आ गया, बन के वो शख़्स बाद-ए-सबा याद आ गया। वो शोख़ सी निगाहें औ'…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"हमको नगर में गाँव खुला याद आ गयामानो स्वयं का भूला पता याद आ गया।१।*तम से घिरे थे लोग दिवस ढल गया…"
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Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
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