For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओबीओ परिवार, भोपाल की मासिक साहित्यिक संगोष्ठी : एक रिपोर्ट

ओबीओ परिवार, भोपाल की मासिक साहित्यिक संगोष्ठी : एक रिपोर्ट

 

दिनांक 13 मई 2017 को नरेश मेहता सभागार, हिन्दी भवन, भोपाल में ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार सदस्यों की मासिक साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस गोष्ठी में आ. आदरणीय जहीर कुरैशी जी की अध्यक्षता में सदस्यों ने रचनापाठ किया. विशिष्ट अतिथि के रूप में आ. सौरभ पाण्डेय जी की गौरवमयी उपस्थिति रही. आ. सीमा पांडे मिश्रा जी (भोपाल), आ. विमल कुमार शर्मा जी, आ. हरिओम श्रीवास्तव जी (भोपाल), आ. मोतीलाल आलमचंद्र जी, आ. अर्पणा शर्मा जी(भोपाल), आ. रक्षा दुबे जी, (भोपाल), आ. हरिवल्लभ शर्मा जी (भोपाल), आ. सीमा शर्मा जी (भोपाल), आ. दिनेश मालवीय जी एवं डॉ अरविन्द जैन जी की गोष्ठी में गरिमामय उपस्थिति एवं काव्य पाठ ने आयोजन को समृद्ध किया. काव्य गोष्ठी का सञ्चालन आ. कल्पना भट्ट जी ने किया. काव्य पाठ का आरम्भ आ. सीमा शर्मा जी ने सरस्वती वंदना से किया ने किया.

1.       आदरणीया सीमा पांडे मिश्रा जी ने दोहा छंद का पाठ किया -

 

उजियारे में भिन्न सब, अंधियारे में एक

फिर भी अँधियारा बुरा, उजियारा है नेक

 

2.       आदरणीय मोतीलाल आलमचंद्र जी ने अतुकांत कविता सुनाई. आपके के काव्य पाठ के अंश है- .

 

सुबह हुई,

आँख धुली,

और दूध लेने पहुँचा-

चाय जैसा कुछ बनाने के लिए.

 

 

3.       आदरणीया अर्पणा शर्मा जी ने “अमर शहीद” शीर्षक की कविता सुनाई-

 

हे शहीद

शत शत नमन

तुम्हारे शौर्य और बलिदान को

हो गए न्योछावर

देश की आन बान शान को

4.       आदरणीया सीमा शर्मा जी ने एक गीत और एक ग़ज़ल सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया –

 

दुखी हुआ अशोक देख ताज रक्त था सना

खड़ा रहा शवों के बीच जीत जश्न ना मना

 

5.       आदरणीय हरिवल्लभ शर्मा जी ने ग़ज़ल का पाठ किया-

 

मौत कब आएगी अनुमान कहाँ होता है

जिंदगी जीना भी आसान कहाँ होता है

 

 

6.       इस नाचीज़ को भी दो गीत सुनाने का अवसर मिला-

 

नई नई कुछ परिभाषाएँ राष्ट्र प्रेम की आओ गढ़ लें

लेकिन आगे कैसे बढ़ लें

 

7.       मंच सञ्चालन के दायित्व के साथ आदरणीया कल्पना भट्ट जी ने  लघुकथा का पाठ किया.

 

 

8.       आदरणीया रक्षा दुबे चौबे जी ने एक ग़ज़ल सुनाई-

यूं खुला कोई दर नहीं देखा

राह-ए-हक़ हमसफर नहीं देखा

 

मेरी आँखों में डर नहीं देखा

आपने आँख भर नहीं देखा

 

 

9.       आदरणीय हरिओम श्रीवास्तव जी बाल गीत एवं कुछ मुक्तक/छंद प्रस्तुत किये-

 

इक दिन बोले बन्दर मामा

मुझे सिलाना है पाजामा

 

 

10.   आदरणीय विमल कुमार शर्मा जी ने अपनी गज़लें सुनाई-

कहना चाहा था कुछ ये मैं क्या कह गया

दिल का जज़्बा तो दिल में दबा रह गया

 

11.   आदरणीय दिनेश मालवीय जी ने अपनी गज़लें सुनाई-

दुश्वारियां है तारी

धरती से आसमां तक

 

12.   आदरणीय डॉ. अरविन्द जैन जी ने अपनी अतुकांत कविता का पाठ किया-

स्त्री जाति की

कई विशेषताएं हैं

जो आदर्श रूप है

 

 

13.   गोष्ठी के विशिष्ट अतिथि आदरणीय सौरभ पाण्डेयजी ने एक अतुकांत कविता एवं एक नवगीत का पाठ किया-

 

जी भर कर बरसना चाहता है आसमान

बेहया चटक ‘पनसोखा’ लेकिन’

बार बार उग आता है

ठीक सामने-

 

 

14.   संगोष्ठी के अध्यक्ष आदरणीय ज़हीर क़ुरेशी जी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन के साथ अपनी ग़ज़लों से आयोजन को नई ऊँचाईयाँ प्रदान की-

 

नई पीढ़ी को खुलकर खेलने दो

तुम्हारी ख़त्म पारी हो गई है

 

बता कर अपने माली के चलन को

बहुत खामोश क्यारी हो गई है

 

आदरणीय हरिवल्लभ शर्मा जी ने आभार व्यक्त किया. बिस्किट और चाय की चुस्कियों के साथ आयोजन का समापन हुआ.

 

-मिथिलेश वामनकर

 भोपाल

 

 

 

Views: 1231

Reply to This

Replies to This Discussion

ओबीओ जिंदाबाद
बहुत भव्य कार्यक्रम! बहुत बहुत बधाई ओबीओ परिवार भोपाल।
धन्यवाद आदरणीया सीमा जी
रिपोर्ट पढ़ कर
लगा कि कार्यक्रम बहुत उम्दा था. इस कार्यक्रम के सञ्चालन व प्रस्तुतीकरण के लिए समस्त ओबीओ टीम को बधाई व शुभकामनाएं.

आदरणीय मिथिलेश जी, भोपाल चैप्टर की कार्मिक टीम को इस सफल गोष्ठी के लिए हार्दिक बधाइयाँ .. उस दिन मेरा भोपाल में होना और ऐन मौके पर स्वस्थ होना मेरे लिए सौभाग्य के क्षण लाया. 

हार्दिक शुभेच्छाएँ 

एक और सफल गोष्‍ठी हेतु आयोजकों व सहभागियों को हार्दिक शुभकामनाएं । ओबीओ ज़िन्‍दाबाद ।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"प्रस्तुति को आपने अनुमोदित किया, आपका हार्दिक आभार, आदरणीय रवि…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय, मैं भी पारिवारिक आयोजनों के सिलसिले में प्रवास पर हूँ. और, लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी, सरसी छंदा में आपकी प्रस्तुति की अंतर्धारा तार्किक है और समाज के उस तबके…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपकी प्रस्तुत रचना का बहाव प्रभावी है. फिर भी, पड़े गर्मी या फटे बादल,…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी रचना से आयोजन आरम्भ हुआ है. इसकी पहली बधाई बनती…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
yesterday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
Saturday
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
Saturday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service