For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

माओबादी के झंडा तले फुकने मत दो हिंदुस्तान ,

माओबादी के झंडा तले फुकने मत दो हिंदुस्तान ,
जनता माफ़ नहीं करेगी बोलेगी शैतान ,
जनता के नाम पर हिंदुस्तान को जला रहे हो ,
बिदेसी पैसा ले ले कर मौज मस्ती मन रहे हो ,
कब तक डरेगी जनता जिसे तू डरा रहे हो ,
जिस दिन डरना बंद करेगी हो जाओगे परेशान ,
माओबादी के झंडा तले फुकने मत दो हिंदुस्तान ,
झारखण्ड , छत्तीसगढ़ बंगाल में हाहाकार मचाये ,
बिहार में भी तुमने करोरो का तेल जलाये ,
मारते हो आम आदमी को जिसदिन ओ जागेगा ,
नजर नहीं आओगे मिट जायेगा नमो निसान ,
माओबादी के झंडा तले फुकने मत दो हिंदुस्तान ,
पार्टी हित की छोरो नेतावो देश हित में आगे आओ ,
जहा भी जैसे भी हो माओबादी दूर भगाओ,
नहीं तो ये सब राष्ट्र द्रोही राष्ट्र पे खतरा बन जायेगा ,
इस खतरे को भापो क्यों मरेंगे इनको मारो ,
मार भगावो हिंदुस्तान से ये भारे के सैतान ,
माओबादी के झंडा तले फुकने मत दो हिंदुस्तान ,

Views: 949

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on May 21, 2010 at 10:22am
कब तक डरेगी जनता जिसे तू डरा रहे हो ,
जिस दिन डरना बंद करेगी हो जाओगे परेशान ,
माओबादी के झंडा तले फुकने मत दो हिंदुस्तान ,\
bahut behtareen guru jee.....hamesha ki tarah ek aur lajawab rachna...
Comment by Khushboo on May 21, 2010 at 10:21am
माओबादी के झंडा तले फुकने मत दो हिंदुस्तान ,
जनता माफ़ नहीं करेगी बोलेगी शैतान ,
जनता के नाम पर हिंदुस्तान को जला रहे हो ,
बिदेसी पैसा ले ले कर मौज मस्ती मन रहे हो ,\
bahut badhiya likha hai aapne ravi kumar jee...........

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 20, 2010 at 8:02pm
माओबादी के झंडा तले फुकने मत दो हिंदुस्तान ,
जनता माफ़ नहीं करेगी बोलेगी शैतान ,
बहुत बढ़िया मुद्दा को सामने लाये है गुरु जी, ये बीमारी का एलाज़ ज़रूरी हो गया है क्योकि अब ये नासूर बनता जा रहा है,
Comment by Admin on May 20, 2010 at 1:50pm
गुरु जी आप ने अपने कविता के माध्यम से भारत की एक ज्वलंत समस्या के तरफ हम सब का ध्यान aakristh किया है, भारत माता का शारीर छलनी हो रहा है, माँ कराह रही है, अब देर करना उचित नहीं है, इस समस्या का समाधान होना निहायत ही जरूरी है, आखिर कब तक हमारे भाई बंधू मरते रहेगी ?

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
13 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 167 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है ।इस बार का…See More
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service