For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हमारे देश में आतंकवादियो की खातिरदारी अतिथियो से भी ज्यादा बढ़ चढ़ कर होती है!अब अजमल कस्साब को ही ले लीजिये ...महोदय ने १६६ लोगो को मौत के नींद सुला दिया ...लेकिन फिर भी भारत में डेढ़ साल से आराम कर रहा है !क्या इस को देखने के बाद ये नहीं लगता है की हमारी काननों कुछ ज्यादा ही ढीला नहीं है आतंकवाद के लिए ....पूरी दुनिया जानती है की कसाब आतंकवादी है जिसने १६६ लोगो को मौत के नींद सुला दिया ....फिर किस बात की इंतज़ार हो रही है ....की कोई और कंधार विमान अपहरण कांड जैसा कांड हो जाये और ....कसाब को दुल्हे रजा की तरह भारत से विदा कर दिया जाये !
मैं लगातर एक हफ्ते से सुन रहा हु की कसाब को आज फासी हो ..कल फासी होगी...लेकिन एक एक दीं बढ़ता ही जा रहा है ....जब मेरा ये हाल है तो जरा सोचिये की उन माँ बाप का क्या होता होगा जिसके लाडले को कसाब ने मौत के घाट उतर दिया ..
इन सारी चीजो को देखने के बाद तो यही लगता है की भारत में अतिथियो की ज्यादा सेवा हो रही है.जो की नहीं होना चाहिए
मुझे अब भी नहीं लगता है की कसाब को फासी होगी सिवाय उमर्कैद के .....और अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं क्या किसी के मुह से यह अचानक ही निकल जाएगी की ...क्या १६६ लोगो का हत्या का सजा उमर्कैद ही होती है ?
और भारत पर ऐसे हमले रोज होंगे क्योंकि आतंकवादियो को पता है की भारत के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीस के सामने भी अगर मैं किसी को मरूँगा तो भी, वही न्यायाधीस अगले दिन कोर्ट में सबूत मांगेगे ....आखिर भारतीय कानून जो है ..
अरे कानून तो ऐसी होनी चाहिए की आतंकवादियो को पकड़ने के एक हफ्ते के भीतर ही उन्हें बिना किसी सबूत और गवाह की मांग किये फासी पर लटका देना चाहिए .....ताकि ऐसा मंजर देखने के बाद ...उनका भारत पर हमला तो दूर आँख उठा कर देखने की भी कोसिस करे तो रूह काप जाये !

रत्नेश रमण पाठक (यांत्रिक अभियंत्रण,छात्र)

Views: 4479

Reply to This

Replies to This Discussion

naveen bhaiya yahti to main bhi kahna chah raha hun ...lekin hamari bharat sarkar sayad use atithi hi samajh rahi hai ...tabhi to ab tak wah jiwit hai.
नेहरू-गाँधी का भारत ऐसे सभी आतंकियों के लिए 'सुरक्षित स्वर्ग है- ओसामा भी यहाँ होता तो सुरक्षित होता . ह्मारे दिग्गी मियाँ जैसे कांग्रेसियों के लिए तो वह 'ओसामा जी ' है- अफ़ज़ल किी बारी आते आते कसाब तो 'कंधार पहुँच हिी जाएगा- मुस्लिम वोट का स्वाल है भाई.
कभी-कभी ऐसा लगता है कि  हमारी सरकार में बैठे कुछ नेताओं का आतंकियों से कुछ रिश्ता है !
अपराधियों से रिश्ता तो जगजाहिर है !  गरीबों को पेट भर अन्न नसीब नहीं है और आतंकी /अपराधी 
सरकारी दावतें उड़ा रहे हैं  ! क्यों उनके ऊपर इतना खर्च किया जा रहा है ! उन्हें ऐसी बेरहम मौत देनी चाहिए ,जो 
उन्होंने निर्दोषों को दी , और सारी  दुनिया को  एक सख्त सन्देश जाना चाहिए ! लेकिन मुझे आज के नेताओं में
ऐसी मर्दानगी नहीं दिखाई देती  !  

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
Wednesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लघुकथा पर आपकी उपस्थित और गहराई से  समीक्षा के लिए हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी"
Tuesday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आपका हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा जी। "
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लेकिन उस खामोशी से उसकी पुरानी पहचान थी। एक व्याकुल ख़ामोशी सीढ़ियों से उतर गई।// आहत होने के आदी…"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"प्रदत्त विषय को सार्थक और सटीक ढंग से शाब्दिक करती लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदाब। प्रदत्त विषय पर सटीक, गागर में सागर और एक लम्बे कालखंड को बख़ूबी समेटती…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर साहिब रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर प्रतिक्रिया और…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"तहेदिल बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब मनन कुमार सिंह साहिब स्नेहिल समीक्षात्मक टिप्पणी और हौसला अफ़ज़ाई…"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी प्रदत्त विषय पर बहुत सार्थक और मार्मिक लघुकथा लिखी है आपने। इसमें एक स्त्री के…"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान ______ 'नवेली की मेंहदी की ख़ुशबू सारे घर में फैली है।मेहमानों से भरे घर में पति चोर…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service