For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

डार्लिंग दगाबाजी कईल , काहें करवल गवना हमार |,

बहियाँ छोड़ा के जाल राजा  , मानेल ना  कहना हमार |
डार्लिंग दगाबाजी कईल , काहें करवल गवना हमार |, 
केकरा से आग मान्गबी , केकरा से मान्गबी  पानी |
केकरा से प्यार मान्गबी , चढ़ल बा जवानी | 
काहें करेल मनमानी सईयाँ , तोडी के जाल हियरा हमार |
डार्लिंग दगाबाजी कईल , काहें करवल गवना हमार |, 
रोके तोहके खनकत चूड़ी , रोके  तोहक कंगना |
हमरा के छोडी के जाल , सूना कईके अंगना |
ना सुनेल कवनो निहोरा , करेल ना मन में विचार  |
डार्लिंग दगाबाजी कईल , काहें करवल गवना हमार |, 
अब जब जईब पीया , कईसे बीती रतिया |
संगवा में के करी  ,  मीठी मीठी बतिया  |
वर्मा तोहरा पईयाँ पडीं , सुनिल अरजिया हमार |
डार्लिंग दगाबाजी कईल , काहें करवल गवना हमार |, 
श्याम नारायण वर्मा 
(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 668

Replies to This Discussion

बीरहि के आगि के इयादियो ले पियऊ-मीता के नेह-छोह के दँवका देवे खातिर ढेर बा ओकर होखल बिचारओ ले में माहुर घोर देला. एह सुन्नर भाव प रउआ प्रयास कइले बानीं, आदरणीय श्याम नारायण जी, ई नीमन लागल. हमार बधाई लीहीं.

बाकिर संगहीं एगो निहोरा बा, गीतन में मात्रिकता के तनिका निर्वहन कइल जाव. आ गीतन में जवन कथ्य अनादि काल से कहल जा रहल बा ओह कथनियन से जरिका बाँचल भले ना जाव, बाकिर, बिम्ब त आजु के अनुसार कइल जाव. ना त पठकन के मन ह, एके चिझुआ अक्सरहा बाँचत-बाँचत उबिया-उचिटा जाला.

बहरहाल, एह प्रस्तुति खातिर फेरु से निकहा ढेरम्ढेर बधाई.

सादर

रचना भाव पसंद करने हेतु आपका हार्दिक आभार , कृपया स्नेह बनाए रखे | सादर 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय चेतन प्रकाश भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक …"
37 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सुशील भाई  गज़ल की सराहना कर उत्साह वर्धन करने के लिए आपका आभार "
40 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
41 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
17 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
17 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
17 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
18 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
18 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
18 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"धन्यवाद,  आज़ाद तमाम भाई ग़ज़ल को समय देने हेतु !"
18 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय तिलक राज कपूर साहब,  आपका तह- ए- दिल आभारी हूँ कि आपने अपना अमूल्य समय देकर मेरी ग़ज़ल…"
18 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"जी आदरणीय गजेंद्र जी बहुत बहुत शुक्रिया जी।"
18 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service