For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हनुमान जयन्ती पर सभी भाविकों और राष्ट्र भक्तों को बधाई और शुभकामनाएं. अनुशासित और मर्यादित आचरण के अप्रतिम प्रतीक हैं श्री हनुमानजी महाराज, और आज के युग में सर्वाधिक पूजित और संकटमोचक के  रूप में प्रसिद्ध हैं. सेवा, समर्पण और सामर्थ्य का ऐसा समन्वय किसी और व्यक्तित्व अथवा चरित्र में दर्शित नहीं होता. निस्सन्देह पराभूति के इस काल खंड में आत्मिक संबल और जाग्रति के लिए इनका अवलंबन आवश्यक है.

आज के पुनीत पर्व पर प्रयास किया है, राम चरित मानस के सुंदरकांड को आधार बना कर एक भजन रूप प्रस्तुति, जिसका गायन एक प्रचलित भजन की धुन पर किया जा सकता है (.."मेरी छोटी सी है नाव, तेरे जादू भरे पाँव..." ;मुझे संगीत का ज्ञान नहीं है, अतः इससे अधिक स्पष्ट संकेत नहीं कर सकता). 

                           सुन्दरकाण्ड की हनुमान गाथा

बने रामजी के दूत, माता अंजनी के पूत, श्रीकेसरी सपूत

सिया सुधी, लावें हनुमानजी। ओ हनुमानजी।।

 

सौ-योजन सागर-पार जाना, सीधे लंका, भीतर घुस जाना।

पहले सुरसा,को भी था मनाया, और सिंहिका, को भी तराया ।।

मुष्टि लंकिनी को मारा,

फिर किया-नगर पैसारा,

किया लंका का नज़ारा,

सिया-सुधी, लावें हनुमानजी। ओ हनुमानजी।।

 

रामशरण,विभीषण को प्रेरा, अशोकवन में, सियाजी को हेरा।

लंकपति की देखी ढिठाई, सियको त्रिजटा, ने धीर बंधाई।।

व्यथा सीताजी की जानी,

कथा राम की बखानी,

हुए मुद्रिका के दानी,

सीय आशिष, पाएं हनुमानजी। ओ हनुमानजी।।

 

बजरंगबली, फिर वाटिका उजाड़ें, असुरसेना और अक्ष को मारें।

इन्द्रजित को समर रस दीन्हां, प्रभु-काज-हित बन्धन लीन्हां।।

रावणसभा में नीति पुकारी,

पर उसने-तो पूंछ प्रजारी,

कपि लंक दहन कर डारी,

सीख मांगे, सीया से हनुमानजी। ओ हनुमानजी।।

 

प्रभु को चूड़ामणि का देना, सीय व्यथा संदेसा कहना।

प्रभुका कपि-को उर-से लगाना,

अविचल भक्ति, देके दुलराना।

रीछ वानर संग रघुराई,

सेना सागर तीर चलाई,

असुर-निकन्दन बेला आई,

सिया सुधि, ले आये हनुमानजी। ओ हनुमानजी।।

 

आया विभी षण शरणाई, सिंहलराज की पदवी पाई।

सिंधु-पीड़ा प्रभु ने मिटाई, जिसने सेतु की युक्ति बताई।

सुन्दर चरित ये भक्त का न्यारा,

गावत भवसागर हो पारा,

रघुवर भक्ति का साधन प्यारा,

सुधि लेना, हमारी हनुमानजी। ओ हनुमानजी।।

 

बने रामजी के दूत,माता अंजनी के पूत,श्रीकेसरी सपूत,

सुध-हमारी, भी लेना हनुमानजी। ओ हनुमानजी।।

Views: 553

Replies to This Discussion

आ0  सुरेन्द्र वर्मा जी,   बहुत खूब।   जय जय हनुमान जी!.... बधाई स्वीकारे।  सादर,

धन्यवाद, आप 'केवल' 'प्रसाद' ही नहीं हैं, कुछ क्लिष्ट अवधारणाएँ भी मन में रखते हैं. कोई टिप्पणी उन पर देना नहीं चाहता, मात्र इतना ही कि आध्यात्मिकता का कोई भी पक्ष व्यक्ति और विचारों को जटिल नहीं, सहज बनावे. मेरी  बौद्धिक पृष्ठभूमि इतनी व्यापक नहीं अतः आपकी अवधारणा समझ ही नहीं पाया. लेकिन दाद अवाश्य दूंगा. बहुत अच्छा लिखते हैं. बधाई.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मंच संचालक जी , मेरी रचना  में जो गलतियाँ इंगित की गईं थीं उन्हे सुधारने का प्रयास किया…"
Monday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 178 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार.…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत रोला छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी छंदों पर उपस्थित और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छंदों की  प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय मयंक कुमार जी"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
" छंदों की प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    गाँवों का यह दृश्य, आम है बिलकुल इतना। आज  शहर  बिन भीड़, लगे है सूना…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी,आपकी टिप्पणी और प्रतिक्रिया उत्साह वर्धक है, मेरा प्रयास सफल हुआ। हार्दिक धन्यवाद…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service