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ये दुनिया की रस्मे

ये दुनिया की रस्मे
ये रीति- रिवाज
नहीं काम की चीज कुछ भी
आज....................


ख़त्म हो रहा है
मोहब्बत का रिश्ता
वफा बन गयी है
वफा की मोहताज
ये दुनिया की रस्मे..................


तडपता - तरसता
हर दिल यहाँ है
प्यार पल पल में होता
बदलता जहाँ है
लाख अपराध कर ले
चाहिए फिर भी
सभ्य समाज
ये दुनिया की रस्मे ...................


न खुशिओ की चर्चा , न गम का फ़साना
ये दुनिया है मेला , न कोई ठिकाना
ये सच जनता है हर एक इंसान
मगर अनसुनी कर रहा है
मन की आवाज
ये दुनिया की रस्मे ....................!!

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Comment

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Comment by Yogi Saraswat on July 3, 2012 at 3:46pm

न खुशिओ की चर्चा , न गम का फ़साना
ये दुनिया है मेला , न कोई ठिकाना
ये सच जनता है हर एक इंसान
मगर अनसुनी कर रहा है
मन की आवाज
ये दुनिया की रस्मे ...................

वाह ! बहुत खूब ! सुन्दर पंक्तियाँ सोनम जी !

Comment by MAHIMA SHREE on April 21, 2012 at 10:21am
तडपता - तरसता
हर दिल यहाँ है
प्यार पल पल में होता
बदलता जहाँ है
लाख अपराध कर ले
चाहिए फिर भी
सभ्य समाज
ये दुनिया की रस्मे ...
bahut khub sonam ji badhai aapko
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 18, 2012 at 11:16pm

न खुशिओ की चर्चा , न गम का फ़साना
ये दुनिया है मेला , न कोई ठिकाना
ये सच जनता है हर एक इंसान
मगर अनसुनी कर रहा है
मन की आवाज
ये दुनिया की रस्मे ..

sundar bhav. badhai.

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on April 17, 2012 at 6:24pm

न खुशिओ की चर्चा , न गम का फ़साना
ये दुनिया है मेला , न कोई ठिकाना
ये सच जनता है हर एक इंसान
मगर अनसुनी कर रहा है
मन की आवाज

बहुत अच्छे विचार प्रस्तुत किये आपने| रचना पसंद आई| आभार,


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 17, 2012 at 5:31pm

Sonam saini ji aaj ke halaat par likhi achchi bhavabhivyakti.badhaai.

Comment by आशीष यादव on April 17, 2012 at 5:09pm

लाख अपराध कर ले
चाहिए फिर भी
सभ्य समाज 
ये दुनिया की रस्मे ...................

bilkul sahi likha hai.

achchhi rachna.

badhai

Comment by Abhinav Arun on April 17, 2012 at 1:33pm

ख़त्म हो रहा है
मोहब्बत का रिश्ता
वफा बन गयी है
वफा की मोहताज
ये दुनिया की रस्मे..................

दौर और हालात की खुबसूरत बयानी करती रचना हार्दिक बधाई सोनम जी  आपको !!

Comment by Sonam Saini on April 17, 2012 at 9:57am

Thank You sir.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 16, 2012 at 8:34pm

ये सच जानता है हर एक इंसान
मगर अनसुनी कर रहा है


सोनम सैनी जी अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकारें |

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