For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कह गए थे तुम वापस आओगे-- डॉ o उषा चौधरी साहनी

कह कर गए थे तुम
आओगे वापस ,
जरूर आओगे ।
आस में तुम्हारी ,
लगे युग बीत गए जैसे ,
पर न आये तुम ,
न आये तुम्हारे खत ,
ना ही कोई संदेश ,
कहाँ खो गए तुम ,
भटक गए किस देश ?
जिन राहों पर दूर ,
बहुत दूर तक , चले थे ,
खोये , इक दूसरे में हम,
उन्हें, अब ये आँखें तकती हैं,
ढूंढती हैं तुम्हें , शायद कभी
लौटों तुम उन पर ढूंढते हुये
कि तुम्हारा भी
कुछ रह गया वहां पर ,
कुछ खो गया वहां पर ,
और मैं पा लूँ तुम्हें ,
खुद खो कर तुमने क्या खोया
तुम्हारे खो जाने से मैंने
क्या क्या खोया ?
काश ! तू समझ पाये।
वादे थे, जनम - जनम के ,
आस है, प्रतीक्षा है , कब आओगे ,
डर लगता है , क्या नहीं आओगे ,
इस जनम बस ऐसे ही सताओगे ।
यूँ ही बस सताओगे ।
कह कर गए थे तुम
वापस आओगे ,
जरूर आओगे ।

// मौलिक एवं अप्रकाशित //

Views: 818

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on February 10, 2015 at 12:58am

सुन्दर प्रस्तुति पर बधाई.

Comment by Dr. Vijai Shanker on February 9, 2015 at 10:35pm
कुछ कहती है आपकी यह कविता , जो नहीं कहती है, वह लाइनों के बीच अंकित है , अदृश्य है,वह बहुत , बहुत कुछ है। दुःख : है, दर्द है, वेदना है, प्रतीक्षा है, और उम्मीद भी .... , इतना कुछ समेटती एक बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति के लिय बधाई आपको, आदरनीय डॉ o उषा चौधरी साहनी जी, सादर।
Comment by Usha Choudhary Sawhney on February 9, 2015 at 6:27pm

आदरणीय  जितेंद्र पस्टारिया जी , सादर धन्यवाद। 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on February 9, 2015 at 4:25pm

सुंदर प्रस्तुति आदरणीया डा. उषा जी. बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार…"
13 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय Richa Yadav जी, — 'न मिला' के साथ तू का संबोधन ही बनेगा आप न मिलाएँ तुम न…"
15 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"बहुत महीन लहजे की ग़ज़ल हुई है आदरणीय नूर साहब। बहुत बहुत बधाई। //तीसरा शेर बहुत कमाल। ख़ास दाद उसके…"
28 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब ग़ज़ल पर आपकी आमद सुख़न नवाज़ी और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
37 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद, ज़र्रा नवाज़ी और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
38 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"जनाब मयंक कुमार द्विवेदी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और सुख़न नवाज़ी तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
40 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय अजय गुप्ता अजेय जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ।"
46 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
47 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय यूफोनिक अमित जी आदाब ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ।"
49 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार करें। // दिल से आभार अमित भाई। आप ने इतनी बारीक़ी से ग़ज़ल को…"
54 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय अमित जी  बहुत बहुत शुक्रिया आपका इतना वक़्त देकर बारीकियां बताने समझाने के लिए सुधार का…"
56 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"//अच्छी ग़ज़ल हुई है. बधाई स्वीकार करें.. ग़ज़ल पर अपनी प्रतिक्रिया देकर हौसला बढ़ाने के लिए आभार आदरणीय…"
58 minutes ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service