For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओ.बी.ओ.की 9 वी सालगिरह का तुहफ़ा

है उजागर ये हक़ीक़त ओ बी ओ

मुझको है तुझसे महब्बत ओ बी ओ

तेरे आयोजन सभी हैं बेमिसाल

तू अदब की एक जन्नत ओ बी ओ

कहते हैं अक्सर ,ये भाई योगराज

तू है इक छोटा सा भारत ओ बी ओ

सीखने वाले यही कहते सदा

तू करे बे लौस ख़िदमत ओ बी ओ

सबके दिल में बन गया है घर तेरा

सबके दिल में तेरी चाहत ओ बी ओ

मैं हूँ दीवाना तेरा सब जानते

तू मेरे दिल की है राहत ओ बी ओ

जुड़ गया है जो भी दामन से तेरे

दिल से करता है वो इज़्ज़त ओ बी ओ

चाहने वाले हज़ारों हैं तेरे

है ये तेरी क़द्र-ओ-क़ीमत ओ बी ओ

दिल से निकली है "समर" के ये दुआ

तू रहे सदियों सलामत ओ बी ओ

"समर कबीर"

मौलिक/अप्रकाशित

Views: 1813

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on July 22, 2019 at 11:50am

जनाब गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत' जी आदाब,ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद,आपको भी ओबीओ की सालगिरह की बधाई ।

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on July 21, 2019 at 12:15am

शानदार ,सर ,ओबीओ के इस प्रतिष्ठित मंच के सभी संचालकों ,लेखकों और पाठकों को सालगिरह पर बधाई | 

Comment by Samar kabeer on May 12, 2019 at 6:39pm

जनाब गजेन्द्र जी आदाब,यक़ीनन ओबीओ का हर सदस्य इस मंच को सँवारने में अपना किरदार अदा करता है,और इसलिए ही ये मंच अपनी मिसाल आप है,आपको भी ओबीओ की सालगिरह की हार्दिक बधाई,ग़ज़ल तक आने और सराहना के लिए आपका आभार और धन्यवाद,मंच पर अपनी सक्रियता बनाये रखें,मैं फिलहाल रमज़ान के कारण  मंच से एक महीने के अवकाश पर हूँ ।

Comment by Gajendra shrotriya on May 12, 2019 at 1:13pm

परम आदरणीय समर कबीर साहिब, सादर नमस्कार । आपके साहित्यिक लगाव और विशेषतः ओबीओ के इस प्रतिष्ठित मंच के प्रति आपके समर्पण को हृदय से नमन करता हूँ। साथ ही उन सभी सम्माननीय महानुभावो काे सादर प्रणाम करता हूँ जो इस मंच की स्थापना से लेकर आज इसके समुन्नत होने तक निस्वार्थ भाव से अनवरत साहित्य सेवा में रत हैं। ऐसी नींव की ईंटों को मैं बारम्बार प्रणाम करता हूँ जिनके सद्प्रयासो से ये छोटा सा भारत साहित्य क्षेत्र में वृहदाकार स्वरूप में उभरता जा रहा है। मन में उमड़ती कई मंगल-कामनाओं के साथ सम्पूर्ण मंच को बधाई प्रेषित है। जय हो। मंगलमय हो।

Comment by Samar kabeer on April 18, 2019 at 11:13am

जनाब आमोद बिंदौरी जी आदाब,ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद,आपने सच कहा ओबीओ से बहतर कोई मंच नहीं,आपको भी ओबीओ की सालगिरह की हार्दिक बधाई ।

Comment by amod shrivastav (bindouri) on April 18, 2019 at 11:04am

आ समर दादा प्रणाम , ओ बी ओ की साल गिरह में सदस्य कमेटी और सभी सहभागी सदियों का अभिवादन , दादा आप की रचना के लिए भी तहे दिल से आभार , इस (पर्व ) में आप की रचना ने सभी को उत्साह से भर दिया , सच है जब से इस समूह का गठन हुआ है ,और मेरी जानकारी में आया, मै जुड़ा , मेरी नजर में इस से अच्छा ऑनलाइन पोर्टल नहीं है , यहाँ फन भी है , फनकार भी हैं , कला भी है , कलाकार भी हैं , प्रेम और अपना पण भी है। और इन सब में जो चार चाँद लगता है वो है मार्गदर्शन।
ग्रुप के सभी वरिष्ठ , और सहभागी सदस्यों को प्रणाम

Comment by Samar kabeer on April 6, 2019 at 5:58pm

जनाब योगराज प्रभाकर साहिब आदाब,मेरी इस ग़ज़ल को फ़ीचर ब्लॉग में शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रगुज़ार हूँ ।

Comment by Samar kabeer on April 6, 2019 at 5:56pm

जनाब सौरभ पाण्डेय साहिब आदाब,जिस दिन से ओबीओ से जुड़ा हूँ, हर सालगिरह पर ग़ज़ल के रूप में अपना तुहफ़ा पेश करना कभी नहीं भूलता,और ग़ज़ल के अशआर की तादाद भी उतनी ही होती है जितनी ओबीओ की उम्र होती है,इस बार हमने ओबीओ चैप्टर भोपाल के ग्रुप में इस सालगिरह का जो जश्न मनाया था उसकी यादें अभी तक दिल पर नक़्श हैं । मेरी दुआ है कि ओबीओ यूँ ही तरक़्क़ी की मंज़िलें तय करता रहे और हम सब मिलकर इसका जश्न मनाते रहें ।

ग़ज़ल आपको पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुआ,सराहना के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ, ओबीओ ज़िंदाबाद ।

Comment by Samar kabeer on April 6, 2019 at 5:47pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब,ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।

Comment by Samar kabeer on April 6, 2019 at 5:46pm

जनाब दण्डपाणि नाहक़ जी आदाब,ग़ज़ल की सराहना के लिये आपका धन्यवाद ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
7 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
8 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लघुकथा पर आपकी उपस्थित और गहराई से  समीक्षा के लिए हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी"
9 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आपका हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा जी। "
10 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लेकिन उस खामोशी से उसकी पुरानी पहचान थी। एक व्याकुल ख़ामोशी सीढ़ियों से उतर गई।// आहत होने के आदी…"
13 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"प्रदत्त विषय को सार्थक और सटीक ढंग से शाब्दिक करती लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय…"
14 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदाब। प्रदत्त विषय पर सटीक, गागर में सागर और एक लम्बे कालखंड को बख़ूबी समेटती…"
15 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर साहिब रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर प्रतिक्रिया और…"
15 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"तहेदिल बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब मनन कुमार सिंह साहिब स्नेहिल समीक्षात्मक टिप्पणी और हौसला अफ़ज़ाई…"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी प्रदत्त विषय पर बहुत सार्थक और मार्मिक लघुकथा लिखी है आपने। इसमें एक स्त्री के…"
17 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान ______ 'नवेली की मेंहदी की ख़ुशबू सारे घर में फैली है।मेहमानों से भरे घर में पति चोर…"
19 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान की परिभाषा कर्म - केंद्रित हो, वही उचित है। आदरणीय उस्मानी जी, बेहतर लघुकथा के लिए बधाइयाँ…"
20 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service