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कर दिये फौत ये अरमान हमारे तुमने.......

पंछी ए ख्वाब के पर काट के सारे तुमने,

कर दिये फौत ये अरमान हमारे तुमने।

बेकरारी में ये मदहोश मेरी धड़कन है,

अपना साथी तो फकत टूटा हुआ दरपन है,

बेसदा मेरा तराना हुये अल्फाज भी गुम,

सर्द करके ये लहू खो गये क्यों जाने तुम,

सारी किस्मत के भी तोड़े हैं सितारे तुमने,

कर दिये फौत ये अरमान हमारे तुमने,

‌‌‌

पंछी ए ख्वाब के...........

किसे आवाज़ लगाऊँ मैं बुलाऊँ किसको,

‌‌‌‌‌‌कोई मेरा न रहा गम ये सुनाऊँ किसको,

सोज़े हिज्राँ में शबो रोज जलूंगा यूँ ही,

कोई इमकाँ ही न था रोज मरूंगा यूँ ही,

साहिले दिल पे ये तूफान हुआ तारी है,

आलमे यादे पहर हमपे बड़ा भारी है।

रोक न पाये दिये अश्क के धारे तुमने,

कर दिये फौत ये अरमान हमारे तुमने,

पंछी ए ख्वाब के............

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Comment by इमरान खान on June 15, 2011 at 6:03pm
बहुत शुक्रिया वंदना जी आपका

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