भूख-वहशी , भ्रम -इबादत वजह क्या है
हो गयी नंगी सियासत, वजह क्या है ?
मछलियों को श्वेत बगुलों की तरफ से -
मिल रही क्या खूब दावत, वजह क्या है ?
राजपथ पर लड़ रहे हैं भेडिये सब -
आम -जन की जान आफत, वजह क्या है ?
वीर योद्धाओं के पावन मुल्क में अब -
खो गयी मर्दों की ताक़त, वजह क्या है ?
आजकल बेटों को अपने बाप की भी -
कड़वी लगती है नसीहत, वजह क्या है ?
यूँ ग़ैर की करते तरफदारी '' प्रभात''
क्यों नहीं अपनों की चाहत, वजह क्या है ?
() रवीन्द्र प्रभात
Comment
बहुत खूब रविन्द्र प्रभात जी , हम सब भी उसी वजह को तलाश रहे है पर वजह है की मिलने का नाम नहीं लेती, राजनीति पर शानदार कटाक्ष |
राजपथ पर लड़ रहे भेडिये वाला शेर ख़ास तारीफ़ के योग्य है , शानदार प्रस्तुति पर बधाई आपको |
उम्मीद है आपकी और भी कृतियाँ और अन्य साथियों की कृतियों पर आपकी बहुमूल्य टिप्पणियाँ पढने को मिलती रहेंगी |
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