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धुम्रपान
स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है
इससे कैंसर होता है
सभी जान गए हैं
मगर
क्या बीड़ी सिगरेट की फैक्ट्रियाँ
देश के लिए
दर्द निवारक हैं?
शराब का अधिक सेवन
स्वास्थ्य के लिए
हानिकारक है
इससे लीवर खराब होता है
सभी मान गए हैं
मगर
क्या मधुशालाएं
और शराब के कारखाने
देश के तारणहार हैं?
शायद
इनके बिना काम
नहीं चल सकता।
और भी बहुत सी
नशीली दवाएं व मादक
क्या केवल
टैक्स कमाने के लिए हैं?
आम जनता
मर रही है।
घर बर्बाद हो रहे हैं।
सरकारें टैक्स इकट्ठा कर रही हैं।
क्या मादक पदार्थों की
बन्दी की बजाय
उनकी फैक्टरियों को
बन्द नहीं किया जा सकता?
क्यों?
आखिर क्यों?
अगर ताला लग गया
उन कारखानों पर
आमदनी बंद हो जाएगी
भूखे मर जाएंगे
बेचारे वो लोग
जो केवल कानून तो बनाते हैं
नशाबंदी का ढोंग भी करते हैं
मगर
जहर घोलते हैं
आम जन की जिन्दगी में
जहर पिलाते हैं
भोली-भाली जनता को
मादक पदार्थों के जरिये।
क्यों बन्द नहीं होती फैक्ट्रियाँ?
आम जन पूछ रहा है।
जन-जन पूछ रहा है।
शायद
जवाब किसी के पास
नहीं है।

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 947

Comment

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Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on November 30, 2016 at 8:38pm
आदरणीया निधि अग्रवाल जी रचना प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।सादर।
Comment by Nidhi Agrawal on November 30, 2016 at 11:37am

गहरा कटाक्ष. सामयिक रचना लिखी ... बहुत खुसुरत बन पड़ी रचना 

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on November 29, 2016 at 8:42am
आदरणीय विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी जी रचना अनुमोदन के लिए हार्दिक आभार। सादर।
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on November 29, 2016 at 8:40am
श्रद्धेय समर कबीर साहब आदाब!
आपने रचना को अपना कीमती समय व सम्मान प्रदान कर मेरा लिखना सार्थक कर दिया। हौसला प्रदान करने के लिए हार्दिक आभार आदरणीय।सादर।
Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on November 28, 2016 at 10:51pm
आदरणीय सुरेश जी!
दोगली व्यवस्था पर करारा प्रहार है।
Comment by Samar kabeer on November 28, 2016 at 10:24pm
जनाब सुरेश कुमार 'कल्याण' जी आदाब,नशाबंदी पर बहतरीन कविता लिखी आपने ,अच्छे सवाल उठाए हैं ,बेहतरीन तंज़ किये हैं,बहुत अच्छी लगी आपकी कविता, इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।

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