For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आज एक ही ढर्रे पे चलना चाहता  है कौन?
सभी को है चाह परिवर्तन की, मुखर हो या मौन |

खोजते है कोई द्वार या रास्ता चाहे हो संकरा सा ..
नयी राह तराशें क्यों? कहाँ वक़्त और तलाशे भी कौन?

चक्र से उबरना भी हैं चाहते और चक्र को बचाना भी ...
तोड़ दिया तो फिर भला फंसेगा कौन?

प्रतिद्वंदिता इससे-उससे और स्वयं से..
पर प्रतिद्वंदिता है क्यों ? सभी मूक..मौन..

दौड़ते हैं, भागते हैं एक अनजान शिखर के लिए..
आज तक वो शिखर, दौड़ के पाया है कौन?

जिसने भी पाया उस दिव्यता के शिखर को..
उसने दौड़ को त्याग, धरा मौन..

कितने हैं आज उस दिव्यता के आस-पास भी ..
आज वो भी नहीं जो गए रुक  या हैं मौन...

Views: 584

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Lata R.Ojha on October 7, 2011 at 9:39pm

Aabhaar Sanjay Mishra ji :)

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on October 6, 2011 at 3:34pm

सुन्दर रचना....

सादर बधाई...

Comment by Lata R.Ojha on May 28, 2011 at 2:42am
Thanks dear Sara :) glad to see you here :)
Comment by SARA MISRA on May 28, 2011 at 1:50am
Bahut hi khoobsurat se jeevan ki Satayata ko darshaya hai
Comment by Lata R.Ojha on May 14, 2011 at 12:10am

@ Anand Kumar ji : dhanyavaad :)

 

Comment by Anand kumar Ojha on May 13, 2011 at 4:47pm
KYA BAT HAI .. LAJABAB !
Comment by Lata R.Ojha on May 12, 2011 at 10:01pm
@ Vandana ji : bahut bahut shukria aapka  pasand karne ke liye :)
Comment by Lata R.Ojha on May 12, 2011 at 1:37am
@Ganesh ji: meri rachna ko pasand karne ke liye aabhaar :)
Comment by Lata R.Ojha on May 12, 2011 at 1:33am
@Dheeraj ji: aapne ekdam sahi kahaa. Aaj swayam mein us divy ko koi nahi dhoondhna chaahta. Saraahne ke liye aabhaar.

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 10, 2011 at 1:49pm
दौड़ते हैं, भागते हैं एक अनजान शिखर के लिए..
आज तक वो शिखर, दौड़ के पाया है कौन?
वाह लता जी वाह, खुबसूरत भाव के साथ एक अच्छी रचना | बधाई ...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
Wednesday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
Tuesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service