For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

    बहरे हज़ज मुसम्मन सालिम

मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन

    1222 1222 1222 1222

            ग़ज़ल

सड़क पर बजबजाते चीखते नारों से क्या होगा

हवा में फुस्स हो जायें जो, गुब्बारों से क्या होगा ?

 

लडाई है बहुत बाकी बहुत कुछ कर गुजरना है

नही है हौसला दिल में तो नक्कारों से क्या होगा ?

 

जिन्हें हमने अता की है,  हकूमत देश की यारों

उन्ही में बदगुमानी है तो उद्गारों से क्या होगा ?

 

पड़े है एक कोने में,  जिन्हें परचम उठाना है

चलो उनको जगाओ सिर्फ धिक्कारों से क्या होगा?

 

हमें मिलकर उगानी है,  जवानों की नयी फसलें

पुराने बुझ चुके बदहाल मक्कारों से क्या होगा ?

 

करो कुछ तो गजब ऐसा कि जज्बा हो नया पैदा

थिरकते पाँव की पायल की झंकारों से क्या होगा ?

 

अगर होना है अपने आप होगा आँख का जादू

यहाँ ‘गोपाल’ केवल मन्त्र अभिचारों से क्या होगा ?

(मौलिक  व् अप्रकाशित )

 

Views: 735

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 19, 2016 at 9:53pm

आ= श्याम नारायण वर्मा जी -बहुत आभारी हूँ आपका , सादर

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 19, 2016 at 9:52pm

आशुतोष जी . बहुत शुक्रिया .

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 19, 2016 at 9:51pm

महर्षि त्रिपाठी जी , बहुत आभारी हूँ .

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 19, 2016 at 9:50pm

अनुज भंडारी जी , आपके समर्थन से बड़ा सुकून मिला . सादर .

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 19, 2016 at 9:49pm

विजय सर , आप सदैव मुझे उर्जस्वित करते हैं . सादर

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 19, 2016 at 9:49pm

तस्दीक भाई  बहुत बहुत आभार .

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 19, 2016 at 9:48pm

ब्रजेश कुमार जी , बहुत शुक्रिया .

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 19, 2016 at 9:47pm

शेख  उस्मानी जी , आप हमेशा ही मेरा उत्साह बढ़ाते हैं . आपका आभार .

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 19, 2016 at 9:46pm

आ० सौरभ जी , गजल पर पहली बार आपका मुकम्मल आशीर्वाद पाकर बड़ी आश्वस्ति मिली. सादर .


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 19, 2016 at 8:34pm

अरे कमाल कर डाला आपने, आदरणीय ! झकझोर-झकझोर डाले कि ! अभिधात्मकता को मारिये, ग़ज़ल पूरी तरह से अपनी सुनाती हुई है.. 

वाह वाह वाह !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
1 hour ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया और सुझाव  का दिल से आभार । प्रयास रहेगा पालना…"
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार । भविष्य के लिए  अवगत…"
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । बहुत सुन्दर सुझाव…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. शिज्जू भाई,एक लम्बे अंतराल के बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ..बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है.मैं देखता हूँ तुझे…"
4 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
6 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
7 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
8 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service