For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल -नूर- नए मिज़ाज के लोगों में तल्खियाँ हैं बहुत,

१२१२/११२२/१२१२/२२ (११२)
.
नए मिज़ाज के लोगों में तल्खियाँ हैं बहुत,
कई ख़ुदा से, कई ख़ुद से सरगिराँ हैं बहुत.
.
किसी के मिलने मिलाने का पालिये न भरम,
ज़मीं-फ़लक में उफ़ुक़ पर भी दूरियाँ हैं बहुत.
.
अभी ग़ज़ल में कई रँग और भरने हैं,
अभी ख़याल की शाख़ों पे तितलियाँ हैं बहुत.
.
सियासी चाल है हिन्दी की जंग उर्दू से,
सहेलियाँ हैं ये बचपन की; हमज़बाँ हैं बहुत.
.
परिंदे यादों के, आ बैठते हैं ताक़ों पर,
उजाड़ माज़ी के खंडर में खिड़कियाँ हैं बहुत.
.
गुरूर ‘नूर” न कर; सिर्फ़ तू नहीं तन्हा,
ज़माने भर में तेरे जैसे राएगाँ हैं बहुत.  
.
निलेश "नूर"
मौलिक / अप्रकाशित 

Views: 881

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 6, 2016 at 6:48am

शुक्रिया आ. मिथिलेश जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 6, 2016 at 6:48am

शुक्रिया अनुज जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 6, 2016 at 6:48am

शुक्रिया आ. समर सर 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 6, 2016 at 6:47am

शुक्रिया आ. चंद्रशेखर जी.. आप को अरसे बाद देख कर ख़ुशी हुई 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 6, 2016 at 6:47am

शुक्रिया आ. नादिर खान साहेब 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 6, 2016 at 6:47am

शुक्रिया आ. शिज्जू भाई 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 6, 2016 at 6:46am

शुक्रिया आ. कल्पना जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 6, 2016 at 6:46am

शुक्रिया आ. सुनील जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 6, 2016 at 6:45am

शुक्रिया अमिता जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 6, 2016 at 6:45am

शुक्रिया आ. दिनेश भाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. भाई सुशील जी, सुंदर दोहावली हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भूल सुधार - "टाट बिछाती तुलसी चौरा में दादी जी ""
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ.गिरिराज भंडारी जी, नमस्कार! आपने फ्लेशबैक टेक्नीक के  माध्यम से अपने बचपन में उतर कर…"
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service