For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गज़ल - फिल बदीह -- हमारा यक़ीं चाँद से उठ गया ( गिरिराज भंडारी )

122   122   122  12

 

अँधेरों के मित्रो,  हवा दीजिये

मै जलता दिया हूँ बुझा दीजिये

 

लिये आइना सब से मिलता रहा

सभी अब मुझे बद्दुआ दीजिये

 

हमारा यक़ीं चाँद से उठ गया

हमे जुगनुओं का पता दीजिये

 

पुकारा था हमने उसे बार बार

न कहना उसे फिर सदा दीजिये

 

मेरी बातें कब राज होने लगीं

जिसे आप चाहें बता दीजिये

 

मेरे आबला खुश हुये देख कर

कहूँ क्यूँ ? मै पत्थर हटा दीजिये

 

भुला कर ख़ुदी को मिला सबसे मैं

मुझे आज मुझसे मिला दीजिये  

********************************

मौलिक एवँ अप्रकाशित

 

 

 

Views: 699

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 8, 2015 at 5:09am

आदरणीय विनय कुमार भाई , हौसला अफज़ाई का शुक्रिया ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 8, 2015 at 5:08am

आदरणीय सौरभ भाई , उत्सह वर्धन के लिये आपका आभार , आपकी उपस्थिति से गज़ल पूर्ण हुई । मित्रों हो मित्रो कर रहा हूँ । आभार

Comment by विनय कुमार on July 8, 2015 at 1:29am

// मेरी बातें कब राज होने लगीं
जिसे आप चाहें बता दीजिये।// , वाह , वाह । कमाल की ग़ज़ल है आदरणीय , दिली दाद क़ुबूल करें आदरणीय गिरिराज भंडारी जी..


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 8, 2015 at 1:00am

हमारा यकीं चाँद से उठ गया
हमें जुगनुओं का पता दीजिये
वाह !
आदरणीय कमाल है !

मतले में मित्रों को मित्रो कर लें


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 7, 2015 at 1:36pm

आदरणीया परि एम श्लोक जी , हौसला अफज़ाई का बेहद शुक्रिया ।

Comment by Pari M Shlok on July 7, 2015 at 12:54pm
हमारा यक़ीं चाँद से उठ गया
हमे जुगनुओं का पता दीजिये

मेरे आबला खुश हुये देख कर
कहूँ क्यूँ ? मै पत्थर हटा दीजिये

वाह ज़वाब नहीं
Comment by Pari M Shlok on July 7, 2015 at 12:53pm
वाह ज़वाब नहीं

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 28, 2015 at 1:24pm

आदरणीय मोहन भाई , हौसला अफज़ाई का बेहद शुक्रिया ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 28, 2015 at 1:23pm

आदरणीय मिथिलेश भाई , हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 28, 2015 at 1:22pm

आदरणीय राहुल भाई , आपका बहुत आभार

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service